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    नाशिक. नाशिक जिले (Nashik District) में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing) द्वारा अधिक से अधिक संदेहात्मक कोरोना मरीजों (Suspicious Corona Patients) की जांच की नीति प्रशासन ने अपनाई है। इसके तहत जिले में 4500 स्वैब लिए गए तो स्वैब टेस्ट (Swab Test) 14 हजार से 22 हजार तक बढ़ाई गई है। 10 दिनों में 67 हजार 225 स्वैब टेस्ट की गई, जिसमें 26 हजार 142 रिपोर्ट पॉजिटिव आए है। टेस्ट बढ़ाने से पॉजिटिव का दर 40 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक आ गया है।

    जिले में हर दिन 4-5 हजार मरीज सामने आ रहे है। शुरूआत में पीड़ित मरीजों के पीछे 10 नागरिकों की जांच की जा रही थी, लेकिन अब प्रतिबंधित क्षेत्र निश्चित कर 20-30 नागरिकों की जांच की जा रही है। इसमें क्लोज कॉन्टैक्ट होने वाले व्यक्तियों की आरटीपीसीआर तो अन्य नागरिकों की एंटीजन जांच की जा रही है। टेस्ट बढ़ाने से नागरिकों के रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहे हैं। उन पर तुरंत उपचार कर कोरोना की श्रृंखला तोड़ने का काम किया जा रहा है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी, ईओसी डॉ. अनंत पवार ने कहा कि कोरोना की श्रृंखला तोड़ने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाई गई है। पिछले माह से हर दिन 14 हजार स्वैब की जांच की जा रही है। अब यह संख्या 22 हजार तक बढ़ाई है। टेस्ट के बाद पीड़ितों पर तुरंत उपचार किया जा रहा है। इसके चलते पॉजिटिव दर 35 से 40 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

     साढ़े सात हजार स्वैब कलेक्शन

    दिनभर जिले में साढ़े सात हजार स्वैब लिए गए इसलिए प्रलंबित रिपोर्ट की संख्या 9 हजार से आगे पहुंची। शहर के स्वैब मुंबई स्थित हाफकिन और एक निजी लैब में जांच के लिए भेजे गए है। सिविल अस्पताल के लैब में ग्रामीण क्षेत्र के ढाई से तीन हजार स्वैब की टेस्ट की जा रही है। साथ ही एमवीपी कॉलेज, दातार जेनेटिक्स, थायरो केअर, मेट्रो पुलिस, सुप्रीम जैसे लैब में भी बड़े तौर पर स्वैब की जांच की जा रही है।