कोरोना के इलाज की सभी सुविधाएं हों उपलब्ध : भाजपा

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  • सरकारी ग्रामीण अस्पताल की अक्षमता पर रोष
  • ग्रामीण अस्पताल अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन

साक्री. पिंपलनेर के सरकारी ग्रामीण अस्पताल में कोविड-19 के संक्रमित मरीजों की जांच नहीं हो रही है. वहीं मरीज को साक्री या धुलिया के बड़े अस्पतालों में जाने का निर्देश दिया जाता है तो ये अस्पताल किस मर्ज के लिए बना है, ऐसा सवाल पिंपलनेर के भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पूछा गया है. 

200 किमी की घर से जिला अस्पताल तक की भागदौड़ मरीज के साथ परिजनों को बेहद थका देती है. पार्टी के शहराध्यक्ष प्रमोद गांगुर्डे के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता शहर स्थित ग्रामीण अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश मोहने को ज्ञापन दिया है. जिसमें कोरोना संक्रमित मरीज की जांच, स्वैब टेस्ट और उपचार स्थानीय ग्रामीण अस्पताल में ही करने की मांग की गई है.

पिम्पलनेर बना कोरोना का हॉट स्पॉट

तहसील में पिंपलनेर कोरोना का हॉट स्पॉट बना हुआ है, लेकिन वहां संक्रमितों के लिए सुविधा नहीं है. उक्त मरीजों को साक्री आना पड़ता है या जिला अस्पताल में धुलिया जाना पड़ता है. संपन्न परिवार के लोग नासिक चले जाते हैं. शहर में  करोड़ों की लागत से बना 30 मरीजों की भर्ती क्षमतायुक्त अस्पताल उपचार के नाम पर केवल परामर्श या संदर्भ पर्ची देता है. बताया जा रहा है कि ग्रामीण अस्पताल में  स्वतंत्र कोविड कक्ष तैयार  है, पर वहां ताला बंद है.

मरीजों को भर्ती करने की स्थिति में नहीं है जिला अस्पताल

खांसी, जुकाम या संक्रमण की शिकायत होने पर अस्पताल जाने के निर्देश और कोरोना के खौफ के चलते रोगी और परिजन पहले स्थानीय और भागदौड़ करते एम्बुलेंस सेवा (मुफ्त नहीं है) द्वारा जिला अस्पताल पहुंचते हैं. वहां से मरीज को साक्री जांच करवाने की सलाह के साथ बैरंग लौटा दिया जाता है. 

निजी अस्पताल भी सहायता नहीं करते

निजी अस्पताल भी ऐसे मरीज की सहायता नहीं करते. सचमुच संक्रमित है, तो जान की आफत आ जाती है, इतना विलंब मरीज को उपचार मिलने के पहले हो जाता है. अगर संक्रमित नहीं है, तो एम्बुलेंस का खर्चा और भागदौड़ में ही अधमरा हो जाता है. देर रात में अगर पहुंचे या लौट रहे हैं तो न एम्बुलेंस और न ही कोई मदद  मिलती है और न ही कोई पूछने वाला मिलता है. जिला अस्पताल मरीजों को भर्ती करने की स्थिति में नहीं है. तहसील और बड़े शहर में स्थित ग्रामीण सरकारी अस्पताल केवल पर्ची देकर उक्त मरीजों से खिलवाड़ कर रहे हैं. 

तहसील में अब तक 234 पॉजिटिव मरीज मिले

पिंपलनेर में अब तक 55 संक्रमित मरीज उजागर हुए हैं. तहसील में अब तक 234 पॉजिटिव मरीजों में से 149 स्वस्थ हुए हैं. वहीं 12 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई है. ज्ञापन में आगे मांग की गई है कि कोरोना के प्रकोप में हुई वृद्धि को देखते हुए संक्रमण से संबंधित जांच, चिकित्सा और उपचार पिंपलनेर के अस्पताल में हो. अतिरिक्त तहसीलदार विनायक थविल, डीएम संजय यादव, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी आशुतोष सालुंके तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी सांगले को भी ज्ञापन भेजे गए हैं. इस अवसर  पर प्रमोद गांगुर्डे, मोतीलाल पोतदार , सुरेश पाटिल, चंद्रशेखर बाविस्कर, सविता पगारे, अनिल मुसले, पंकज भावसार, कल्पेश नेरकर,अनिल जाधव, नितिन कोतकर, राजेंद्र पगारे आदि पार्टी कार्यकर्ता   मौजूद थे.