नाशिक. भीड़-भाड़ नहीं करने के नियमों (Rules) का पालन नहीं होने पर जीवन आवश्यक सामग्री की बिक्री के साथ-साथ भीड़ (Crowd) से संबंधित हर व्यापार को बंद (Close) करने का अधिकार प्रांताधिकारी और सभी तहसीलदारों को दिया गया है। कोरोना (Corona) की रोकथाम के लिए इन अधिकारों का प्रभावी रूप से उपयोग करने का आदेश जिला अधिकारी सूरज मांढरे (Suraj Mandhare) ने दिया है। कोरोना के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
प्रशासन भी दुविधा में है, क्योंकि एक दिन में ढाई हजार से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने लगी है। भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास अब युद्ध स्तर पर शुरू हो गए हैं, क्योंकि जब तक भीड़ नियंत्रण में नहीं होगी, कोरोना को नियंत्रित करना संभव नहीं है। अन्य सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं, केवल आवश्यक सामग्री की दुकानों को छोड़कर। इतना करने पर भी मरीजों की संख्या बढ़ने की गति अभी भी अधिक है।
शनिवार और रविवार को बंद के बावजूद बढ़ रहे संक्रमित
जिला और मनपा प्रशासन ने स्वास्थ्य और वित्तीय चक्र को जारी रखने के लिए पूर्ण प्रतिबंध के बिना कुछ प्रतिबंधों के साथ व्यवसायों को जारी रखने की अनुमति दी है। एक समान अधिसूचना भी जारी की गई है। भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए पहले से ही इन प्रतिष्ठानों की आवश्यकता है। इसलिए प्रांत और तहसीलदार को किसी भी प्रतिष्ठान को बंद करने का अधिकार है। यदि वे नियमों का उल्लंघन होते देखें तो कार्रवाई करने की अनुमति मांढरे ने दी है।
कार्रवाई की देनी होगी जानकारी
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कानून का सख्ती से पालन करने पर ही नागरिकों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। इसलिए अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस नीति पर कितनी कार्रवाई कर रहे हैं, इसकी जानकारी रोज आपत्ति व्यवस्थापन केंद्र को दें। ऐसे निर्देश तहसीलदार और प्रांत अधिकारियों को दिए गए हैं। पूरा लॉकडाऊन न हो, इसके लिए यह आदेश बहुत महत्वपूर्ण है। जीवन आवश्यक सामग्री की दुकानों पर भी भीड़भाड़ नहीं करने का नियम लागू है। इसलिए कार्रवाई कर नागरिकों के प्रतिसाद को देखते हुए प्रबोधन करना जारी रखा जाए। इसके लिए स्वयंसेवी संस्था, स्थानीय जागरूक नागरिकों की भी मदद लें, ऐसा निर्देश मांढरे ने दिया है।