भाजपा का आंदोलन  “नाच ना आए आंगन टेढ़ा”

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पूर्व विधायक चव्हाण ने की टिप्पणी

नाशिक/सटाणा. भारतीय जनता पार्टी का “अपना आंगन ही रणांगन” महाविकास आघाडी सरकार के विरुद्ध आंदोलन है, जिसे “नाच ना आए आंगन टेढ़ा” का नाम दिया जा रहा है. संकट के समय एक साथ मिलकर काम करना महाराष्ट्र की परंपरा है. लेकिन सत्ता गंवा देने के बाद से राज्य के भाजपा नेता असंतुलित हो गए हैं. ऐसी टिप्पणी राकां की पूर्व विधायक दीपिका चव्हाण ने की है. चव्हाण ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार कोरोना से निडर होकर सामना कर रही है, इसलिये भाजपा की आंख में खटक रहा है और किसी ना किसी बहाने से सरकार में कीड़े निकालने का काम भाजपा नेता कर रहे हैं. 

सरकार रही संकट का डटकर सामना

भाजपा राज्य में खुद तो सत्ता पर कंट्रोल नहीं रख सकी, अब सत्ता गंवा देने के बाद महाविकास आघाडी पर टिप्पणी करना ही भाजपा का काम रह गया है. ऐसा विचार पूर्व विधायक चव्हाण ने प्रकट किया. कोरोना संकट के बीच पुलिस प्रशासन और राज्य शासन के विभिन्न विभाग जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, पूरा कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार उनके कामों में भी खराबी निकाल रही है. अपना कर्तव्य निभाते हुए कई पुलिस के जवानों ने अपनी जानें कुर्बान कर दीं, लेकिन भाजपा को ऐसा लग रहा है कि उनकी मौत किसी काम की नहीं. चव्हाण ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को कोरोना संकट से लड़ने के लिये सत्ता को भूलकर सरकार का साथ देना चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करके टिप्पणी करते हुए सरकार के कामों में अड़चनें पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं.