सरदार और सैनिक दोनों भ्रमित हैं !

  • विधायक गोपीचंद ने बोला सरकार पर हमला

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नाशिक. मराठा आरक्षण से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार किसी भी मामले में गंभीर नहीं है. यही हाल अन्य आरक्षणों का भी है. धनगर समाज के नेता व विधायक गोपीचंद पाडलकर ने रविवार को राज्य में स्थिति की आलोचना की, क्योंकि इसमें सरदार और भ्रमित सैनिक शामिल थे. वह जालौन, औरंगाबाद की अपनी यात्रा के बाद नाशिक रोड के दौरे पर आए थे. उस समय उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में सरकार पर हमला किया. इससे पहले, होल्कर अभ्यासिका और स्मारक का भूमिपूजन सिन्नर में पाडलकर के हाथों किया गया. उसके बाद उन्होंने नाशिकरोड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस अवसर सरकार की आलोचना करते हुए पाडलकर ने कहा कि यह सरकार लोगों की उम्मीदों और मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं है. इसलिए राज्य में एक बड़ा असंतोष है.

सरकार लोगों की उम्मीदें पूरा करने में अक्षम

MPSC परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है, ऐसे उम्मीदवार जिनकी आयु समाप्त होने वाली है, उन पर इस स्थगन का अच्छा परिणाम नहीं होगा. हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर धनगर को अनुसूचित जाति का प्रमाण- पत्र दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने अधिकार क्षेत्र में धनगर को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना चाहिए. धनगर के लिए सारथी की तर्ज पर एक और संस्थान स्थापित करने के सरकार के फैसले के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया है. जालना में एक चरवाहे को उसके शरीर पर ट्रैक्टर चढ़ा कर मार दिया गया था. 

धनगर समाज को मिले अनुसूचित जनजाति का दर्जा

समाज को कानून की रक्षा के लिए अत्याचार अधिनियम के समान कानून बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी मांग की कि जिला बैंकों को निर्देश दिया जाए कि वे चरवाहों को 10-10 लाख रुपये का ऋण प्रदान करें. आरक्षण प्रश्न विफलता की ओर इशारा करता है. सरकार सुप्रीम कोर्ट से मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने में विफल रही है. इससे ओबीसी समुदाय में भी डर पैदा हो गया है. राज्य सरकार इस संबंध में असफल हुई है. कोरोना काल में कोई सुविधा नहीं है. राज्य में असंतोष है, क्योंकि सरकार आरक्षण, एमपीएससी जैसी सभी जगहों पर विफल रही है. उन्होंने वर्तमान स्थिति को एक भ्रमित प्रमुख और एक भ्रमित सैनिक के रूप में बताया.