Plantaion

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    नाशिक. राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने 5 वर्ष में 50 करोड़ पौधारोपण (Plantation) का लक्ष्य (Target) निश्चित किया था। इसके तहत 2017-18 में नाशिक जिले (Nashik District) को 1 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य दिया गया था। वन विभाग, वन विकास महामंडल, जिला परिषद, कृषि विभाग सहित 35 विभाग पौधारोपण में शामिल हुए। दिए गए लक्ष्य में से 78 लाख 48 हजार पौधों का जिल के विविध जगह पर रोपण किया गया। 2019 में 1 करोड़ 91 लाख पौधों का रोपण किया गया, जिसमें वन विभाग ने 1 करोड़ 27 लाख, मनपा ने 50 हजार तो शेष पौधारोपण अन्य सरकारी विभागों ने किया। 

    मार्च 2020 से कोरोना महामारी (corona Pandemic) का संकट शुरू हुआ। पौधारोपण के लिए गड्ढे खुदाई यह सामूहिक कामकाज में शामिल है इसलिए पौधारोपण के लिए गड्ढों की खुदाई बंद हो गई। साथ ही रोपवाटिका में भी पौधे तैयार नहीं किए गए।

    ठाकरे सरकार ने लिया 50 करोड़ पौधारोपण का संकल्प

    कोरोना महामारी से सभी को जोरदार झटका लगा है। सरकार के पास निधी न होने से राज्य में 2020 से पौधारोपण अभियान बंद है। ठाकरे सरकार ने भी 5 वर्ष में 50 करोड़ पौधारोपण का संकल्प किया था। इसके तहत 2020 में राज्यभर 10 करोड़ पौधारोपण किया जाने वाला था, लेकिन कोरोना संकट के चलते पौधारोपण के लिए गड्ढों की खुदाई और नर्सरी में पौधे नहीं लगाए गए। राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार ने भाजपा सरकार के पौधारोपण अभियान का नाम बदलकर क्रांतिवीर वसंतराव नाईक हरित अभियान योजना रखा। इसके तहत हर साल राज्य में 10 करोड़ यानी की 5 वर्ष में 50 करोड़ पौधारोपण करने का उद्दिष्ट दिया था लेकिन कोरोना संकट के चलते लागू किए गए लॉकडाउन से यह योजना लॉक हो गई।

    जिला प्रशासन को नहीं मिला पौधारोपण का लक्ष्य

    पौधारोपण के लिए हर साल पूर्व तैयारी के रूप में जनवरी से 31 मार्च इन तीन माह में गड्ढों की खुदाई की जाती है। पौधारोपण के लिए करोड़ों की संख्या में सरकारी नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं। इसके बाद हर जिले को पौधारोपण का लक्ष्य दिया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना संकट के चलते यह योजना रद्द की गई। वन मंत्री ने भी जिला प्रशासन को पौधारोपण का लक्ष्य नहीं दिया है। नाशिक जिले में 2017-18 में 78 लाख 48 हजार 282 पौधारोपण किया गया, जिसमें वन विभाग, वन विकास महामंडल, जिला परिषद, कृषि विभाग सहित 35 विभागों ने योगदान दिया।

    सुरक्षा के अभाव में मरे 25 लाख पौधे

    सुरक्षा के अभाव में 25 लाख 65 हजार पौधे तहस-नहस हुए। एक पौधारोपण के लिए 50 से 55 रुपए खर्च होता है। सुरक्षा के अभाव में मरे पौधों की संख्या को देखें तो पौधारोपण के लिए खर्च हुए साढ़े 12 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। पौधारोपण किए गए पौधों में से 67 प्रतिशत पौधे ही पेड़ बनने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे है। पिछले साल कुल लगाए गए पौधों में से केवल 52 लाख 83 हजार पौधे पेड़ बनने की प्रक्रिया में आगे बढ़े। संवर्धन और लापरवाही के चलते 25 लाख 65 हजार पौधे मर गए।

    नहीं हो पाई पेड़ों की गणना

    पानी की अभाव और सूखे के चलते कई जगह पर लगाए गए पौधे जल गए तो कुछ जगह पर स्थानिकों द्वारा लगाई गई आग में पौधे जल गए। हर साल 31 अक्टूबर से 31 मई के बीच पेड़ों की गणना की जाती है लेकिन कोरोना महामारी के चलते 2020 से गणना नहीं हो पाई।