येवला में नुकसान का पंचनामा पूरा

  • 16,000 हेक्टेयर पर फसलों की क्षति
  • 20 करोड़ से अधिक का नुकसान

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येवला. येवला तहसील, जिसे एक सूखाग्रस्त तहसील के रूप में जाना जाता है, इस साल किसानों को आशीर्वाद मिला है. मानसून के मौसम की शुरुआत में अच्छी बारिश से उन्हें राहत मिली. किसान का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि सरकार कितनी मदद करेगी.

क्षतिग्रस्त फसलों का पंचनामा पूरा हो चुका है और जिन किसानों ने 33% फसलों को खो दिया है उन्हें कुछ मुआवजा मिलेगा. क्षतिग्रस्त फसलों की रिपोर्ट के अनुसार, येवला तहसील में लगभग 20 करोड़ 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. उड़द, कपास, प्याज, गर्मियों की प्याज की पौध को नुकसान पहुंचा है. बिकने वाले कपास के भंडारण में पानी के रिसाव के कारण कपास भी सड़ गई है. जिन किसानों का 33 प्रतिशत नुकसान हुआ है, उन्होंने पंचनामा पूरा करवा लिया है. नुकसान बाजरा के लिए 2.10 प्रतिशत, मकई के लिए 2328 हेक्टेयर, कपास के लिए 14911 हेक्टेयर, मूंगफली के लिए 3.7 हेक्टेयर और सोयाबीन के लिए 112 हेक्टेयर में है. इससे 2 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से 8360 किसान प्रभावित हुए हैं. 

प्याज की फसल अधिक हुई बर्बाद

प्याज की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. 26644 किसानों ने 12941 हेक्टेयर में प्याज, 200 हेक्टेयर में सब्जियों की खेती की थी, जिसमें 17.43 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जबकि सेब 2.40 प्रतिशत और अंगूर 1.80 प्रतिशत, प्रति हेक्टेयर 4 किसान प्रभावित हुए हैं. प्याज और सब्जियों के लिए 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर, फलों के लिए 18000 रुपये प्रति हेक्टेयर और अन्य कृषि फसलों के लिए 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से रिपोर्ट तैयार की गई है. अब किसान का ध्यान इस बात पर केन्द्रित होगा कि सरकार किसानों के हाथों में क्या और कितना मुआवजा देती है. 

33 प्रतिशत से अधिक नुकसान वालों को ही होगा फायदा

नुकसान के पंचनामे के दौरान किसानों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. तहसील में बोकटे में पंचनामा के दौरान तलाठी और किसानों के बीच विवाद के कारण मामला सीधे पुलिस तक पहुंच गया. उन्होंने प्रदर्शन के बाद पंचनामा बनाया, इसलिए अगर किसान न्याय मांग रहा है, तो इस मौके पर वह कहां गलत है, इस पर सवाल उठाया जा रहा है. सरकार के फैसले के अनुसार, केवल उन्हीं किसानों को मुआवजा दिया जाएगा, जिनका 33% से अधिक नुकसान हुआ है. किसानों के साथ वास्तव में गलत व्यवहार किया जा रहा है.