Black Fungus
File Photo

    Loading

    नाशिक. नाशिक जिले (Nashik District) में ब्लैक फंगस (Black fungus) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अब तक जिले में 358 मरीज सामने आए है तो 28 मरीजों की मौत (Death) हो चुकी है। इसके चलते मृत्यु दर 8 प्रतिशत हो गया है। ब्लैक फंगस आज की बीमारी नहीं है। जब देश में कोरोना संक्रमण नहीं था तब भी इसके मरीज थे, लेकिन कोविड के समय इस बीमारी के मरीजों की संख्या तेज रफ्तार से बढ़ रही है। 

    कोविड मुक्त मरीजों की रोग प्रतिकार शक्ति कम होने से वह ब्लैक फंगस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। यह बीमारी संक्रमित नहीं है, लेकिन बढ़ने वाले मरीज और मृत्यु दर से जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के साथ नाशिकवासियों की चिंता बढ़ गई है।

    लक्षण दिखते ही तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं

    ब्लैक फंगस बीमारी से जिले में अब तक 28 मरीजों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी के लक्षण होने वाले मरीजों ने तुरंत कान, नाक, गला विशेषज्ञों से जांच कराना आवश्यक है। जल्द से जल्द उपचार हुआ तो खतरा टल सकता है। यह जानकारी जिला शल्यचिकित्सक डॉ. अशोक थोरात ने दी। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी के मरीजों पर उपचार करने के लिए एम्फोटेरेसिन-बी यह इंजेक्शन उपयुक्त साबित हो रहा है लेकिन इस बीमारी के मरीज बढ़ने से इंजेक्शन की मांग बढ़ती जा रही है। इस बीमारी के जिले में 288 सक्रिय मरीज हैं। हर एक मरीज के लिए हर दिन चार ऐसे 1200 इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन केवल 500 इंजेक्शन प्राप्त हो रहे हैं। एक मरीज के लिए दो ही इंजेक्शन मिल रहे हैं।