नीलामी के बाद नकद भुगतान की घोषणा

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  • कृउमं में अनाज एवं पशुओं की खरीद-फरोख्त शुरू

साक्री. कृषि उपज मंडी में अनाज और मवेशियों की नीलामी एक बार फिर जोरशोर से शुरू हो गई है, पर प्याज की नीलामी पहले से ही शुरू है, नई फसल की आवक भी शुरू होने से कई दिन से खामोश मंडी फिर से व्यापारियों, किसानों तथा मंडी कर्मियों के चहल-पहल से गुलजार हो गई है. मवेशियों की खरीद-बिक्री कोरोना प्रकोप को देखते हुए बंद थी. मंडी के चेयरमैन पोपटराव सोनवणे तथा सचिव अशोक मोरे ने मंडी के कारोबार फिर से शुरू किए जाने की सभी किसानों और व्यापारियों को पत्र द्वारा सूचना जारी की है. किसानों को आकर्षित करने हेतु अनाज तथा मूंगफली पर घटत के लिए की जानेवाली कटौती समाप्त करने की और नीलामी के बाद भुगतान नकद किए जाने की घोषणा मंडी द्वारा की गई है.

कई माह तक प्रभावित रही मंडी

प्याज की निर्यात बंदी के केंद्र सरकार के आदेश के विरोध में किसानों के प्रदर्शन, मंडियों के भविष्य और अस्तित्व पर मंडराता संकट, किसानों से संबंधित संसद में हाल ही में पास हुए विधेयक पर किसानों की प्रतिक्रिया और कोरोना का प्रकोपआदि कारणों से कृषि उपज मंडी के कारोबार विगत कुछ दिनों से लेकर महीनों तक प्रभावित रहे. उक्त सभी बाधाओं को पार कर मंडी के चेयरमैन ने नए सिरे से मंडी के व्यवहार पूर्ववर्ती ढंग से शुरू करने की घोषणा हाल ही में की. जिसका पहला कदम मवेशी नीलामी-बाजार शुरू किया गया. शुक्रवार को तहसील में मवेशियों के बड़ा बाजार मंडी के भीतरी बड़े मैदान में लगता है. बकरी, भेड़,गाय भैंस, बैल, भैंसा आदि मवेशी नीलामी हेतु जिले भर से लाए जाते हैं. कोरोना प्रकोप के चलते विगत कुछ महीनों से इसे बंद रखा गया था.

नीलामी में हिस्सा लेने लाइसेंस जरूरी

व्यापरियों को भी नीलामी में हिस्सा लेने से पहले लाइसेंस लेना आवश्यक बना दिया है तथा आवेदन के लिए सूचना भी जारी हो गई है. मंडी के पास साक्री में स्थित मुख्यालय तथा पिंपलनेर शहर में उप बाजार है. दोनों जगह प्याज की नीलामी शुरू कर दी गई है. दोनों जगह किसानों की प्रतिक्रिया अच्छी रही. तहसील में मक्का, सोयाबीन, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, तुवर, मूंग, मठ, उड़द, तिल्ली,रागी जैसी जिंसों का उत्पाद होता है. फिलहाल मंडी में मक्का और मूंगफली की आवक हो रही है. प्याज की नीलामी पहले से शुरू है. अनाज, प्याज और मवेशी नीलामी में हिस्सा लेने के लिए सभी व्यापारियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है. लाइसेंस हेतु आवेदन स्वीकृति भी शुरू कर दी है. मवेशी बाजार में छोटे-बड़े प्रति पशु की एंट्री 10 रुपये और मंडी शुल्क 10 रुपये तय किया गया है, वहीं बड़े पशु के लिए प्रति सैकड़ा 1 रुपया 5 पैसे मार्केट शुल्क देना होगा. मंडी के चेयरमैन पोपटराव सोनवणे ने किसानों से अपील की है कि अपनी कृषि उपज मंडी में ही लाएं, किसी अजनबी और अनधिकृत व्यापारियों को ना बेचें. किसानों को माल की तोलाई और भाव मिलने भी नुकसान होगा.

24 घंटे में व्यापारी करें भुगतान

मंडी द्वारा व्यापारियों को चेतावनी दी गई है कि नीलामी के 24 घंटों के भीतर माल का भुगतान हो या बैंक का नीलामी के दिन वाली तारीख का चेक किसानों को दें. किसानों के उत्पाद की तुरंत मंडी द्वारा दी जानेवाली रसीद काटें और वजन, हमाली, उपज को मिला भाव आदि बातें जांच ले. जिसके चलते किसानों को सही भाव और सही भुगतान होगा. नीलामी में प्राधिकृत व्यापारी ही हिस्सा लेंगे. किसानों का हित हर चरण पर सुनिश्चित किया जाएगा.