बंद कपाट से भक्तों ने किया दर्शन

  • प्रशासन ने एकवीरा देवी मंदिर में सार्वजनिक अनुष्ठान-दर्शन पर लगाई रोक
  • प्रमुख पुजारियों की उपस्थिति में हुई घट स्थापना

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धुलिया. खानदेश की कुल स्वामिनी एकवीरा देवी माता मंदिर में  नवरात्रि पर्व पर कोरोना के कारण मंदिर प्रशासन ने सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. माता के दरबार में लगने वाला वार्षिक मेला शनिवार को आरंभ होना था, जो माता की पादुका पूजन से शुरू होता है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण शनिवार को माता का घट स्थापना मंदिर के प्रमुख पुजारियों की उपस्थिति में एकवीरा देवी मंदिर प्रशासन ने किया. आरती जलाभिषेक महाआरती नियमित रूप से नवरात्र पर्व पर मंदिर में हो रही है. इस साल लॉक डाउन के कारण सार्वजनिक उत्सव रद्द कर दिये गए हैं. वहीं मंदिर के बंद कपाट से भक्तों ने माता के दरबार में बाहरी हिस्से में माथा टेक दर्शन का लाभ उठाया है.

ड़ोसी राज्यों से आते हैं भक्त

शारदीय नवरात्रि पर इस साल शनिवार को देवी का आकर्षक श्रृंगार और मंदिर पर विद्युत सज्जा की जानी थी. एक महीने तक एकवीरा देवी संस्थान की ओर से मेले का आयोजन भी किया जाना था, जिसमें गुजरात मध्यप्रदेश महाराष्ट्र कर्नाटक आदि प्रदेशों से हजारों की संख्या में एकविरा देवी के भक्त आते हैं.

माता के चरणों में बच्चों के उतारते हैं बाल

ये भक्त मंदिर परिसर में मन्नतें पूरा होने पर बच्चों के बाल  देवी के चरणों में अर्पित करने सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते हैं. लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण मंदिर प्रशासन ने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं. एकवीरा देवी मंदिर में विजयादशमी को धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

नवरात्र पर मंदिरों में सन्नाटा

कोरोना के कारण जिले के सभी देवी मंदिरों के पट बुधवार को बंद ही रहे. वहीं लोग घरों में ही पूजा-पाठ करते हुए नजर आए. इधर मंदिरों पर पुलिस का पहरा नजर आया. जिले एक दर्जन से अधिक प्रसिद्ध देवी मंदिरों में हजारों की संख्या में भक्तगण दर्शनार्थ पहुंचते थे, इसके लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाएं भी की जाती रही हैं, लेकिन इस बार इन मंदिरों में सन्नाटा देखने मिल रहा हैं. मंदिर में रौशनी की व्यवस्था तो है, लेकिन भक्तों को दर्शन की अनुमति नहीं हैं.

सुबह 4 बजे से ही रहा पुलिस का पहरा

नवरात्र पर अलसुबह 4 बजे से ही मंदिरों में भक्तों के पहुंचने के अंदेशा को लेकर सुबह 4 बजे से ही पुलिस का पहरा नजर आया. शहर सहित जिले के ऐसे देवी मंदिरों के पहुंच मार्ग और परिसरों में पुलिस पुलिस बल तैनात रहा, जहां अधिक भीड़-भाड़ पहुंचने की संभावना रहती हैं. एसपी चिन्मय पंडित के निर्देशन में जिले भर की पुलिस सुबह से ही अलर्ट रही, जिससे मंदिरों में भीड़ नहीं पहुंच पाई. वहीं प्रमुख मंदिरों के पट भी भक्तों के लिए बंद ही रहे. मंदिरों में आराधना करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे जिन्हें वापस भेजा गया.

सरकार ने सभी अधिकांश मामलों में नियमों को शिथिल किया है. शराब को सबसे पहले मान्यता दी गई है. भारत साधु संतों और पीर फकीरों का देश है. सरकार ने भक्ति औऱ भक्तों पर प्रतिबंध लगा दिया है जो कि अन्यायपूर्ण है. कोविड 19 नियमों के पालन के साथ धार्मिक स्थलों को खोला जाए. सरकार भावनाओं से खेलना बंद करे.

-सुनील नारंगी देशमुख, जलगांव

हर वर्ष इस पर्व पर विधि विधान से पूजा अर्चना के अलावा माता की पालखी और भव्य रथ का नगर भ्रमण किया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते निरस्त कर दिया गया है. सभी भक्तों को आवास में रहने का आह्वान भी किया गया है.

-सोमनाथ गुरव, अध्यक्ष, मंदिर संस्थान