जल जीवन मिशन के ऑनलाइन प्रशिक्षण के प्रति सहज प्रतिक्रिया

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    धूलिया. जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (District Water and Sanitation Mission) ने हाल ही में जल जीवन मिशन के तहत ग्राम कार्य योजना तैयार करने के लिए एक विशेष पखवाड़े में सरपंच (Sarpanch), ग्रामसेवक (Gramsevak)और अन्य प्रतिभागियों के लिए एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित (Training Course) किया। जल जीवन मिशन के तहत जिले में विशेष पाक्षिक अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार को व्यक्तिगत नल कनेक्शन प्रदान करना है। इसके भाग के रूप में पहला कदम ग्राम स्तर पर ग्राम कार्य योजना तैयार करना है।

    जिला, तहसील और ग्राम स्तरीय प्रणाली की भागीदारी महत्वपूर्ण है। इस कार्य योजना के लिए राज्य जल और स्वच्छता मिशन और यूनिसेफ मुंबई के सहयोग से कोबो कलेक्ट, एक ओपन सोर्स सिस्टम, राज्य स्तर पर डिजिटल रूप से उपयोग किया जा रहा है। प्रशिक्षण कक्षाएं जिला, तहसील और ग्राम स्तर पर संचालित की जा रही हैं। सबसे पहले, राज्य स्तर से जिला और तालुका स्तर प्रणाली को प्रशिक्षण दिया गया था। तत्पश्चात ग्राम पंचायत स्तर के सरपंच, ग्राम सेवक, जल जलाशय, पंप संचालक, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाडी सेविका, ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता समिति के दो प्रतिनिधि, संचालक के लिए प्रशिक्षण कक्षाएं आयोजित की गयी।

    इसके इनुसार 28 जुलाई को धूलिसर और शिंदखेड़ा तहसीलों के लिए और 29 जुलाई को शिरपुर और तहसील के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कक्षाएं आयोजित की गईं। प्रशिक्षण हेतु निर्देश जिला परिषद मुख्य कार्यपालन अधिकारी वामथी सी। द्वारा दिए गए। जल एवं स्वच्छता विभाग के उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप पवार, ग्रामीण जलापूर्ति धूलिया उपमंडल के उप अभियंता संजय पढ्यार, शिंदखेड़ा उपमंडल के उप अभियंता संजय येवले, साक्री उपमंडल के प्रभारी उप अभियंता अजय पाटिल, जिला कक्ष में मूल्यांकन निगरानी सलाहकार वैभव सयाजी, जनशक्ति विकास सलाहकार दीपक देसाले, संतोष नेरकर, संचार सलाहकार अरुण महाजन ने विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्रदान किया। ग्राम कार्य योजना की जानकारी भरने, पूरी प्रक्रिया, ग्रामीणों के योगदान आदि की जानकारी भरने का ध्यान रखा गया।

    इसके बाद 1 से 3 अगस्त तक ग्राम स्तर से और 4 अगस्त को जिला स्तर पर जानकारी एकत्रित की जायेगी। 5 से 7 अगस्त तक योजनाओं की समीक्षा की जाएगी और 15 अगस्त को ग्राम सभा में पढ़ा और स्वीकृत किया जाएगा। प्रशिक्षण वर्ग की सफलता के लिए जिला स्तरीय समाजशास्त्री दीपक पाटिल, जल गुणवत्ता विशेषज्ञ विजय हेलिंगराव, मूल्यांकन निगरानी विशेषज्ञ प्रशांत देव, क्षमता निर्माण विशेषज्ञ मनोज जगताप, संगीता ओझा, जीवा शिंदे आदि ने कड़ी मेहनत की।