आबकारी विभाग का चपरासी गिरफ्तार

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धुलिया. एंटी करप्शन ब्यूरो ने आबकारी विभाग के एक चपरासी को 13 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आबकारी विभाग के चपरासी पर आरोप है कि उसने शराब परमिट रूम की अनुज्ञप्ति रिन्यूअल करने के लिए और परमिट रूम पर कार्रवाई नहीं करने के एवज में 13 हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था. जिसे ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है.

भ्रष्टाचार में डूबा विभाग

धुलिया आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. परमिट रूम शराब की अनुज्ञप्तियों और दुकानों पर कार्रवाई नहीं करने के नाम पर विभाग के इंस्पेक्टर दुकानदारों से मोटी रकम की वसूली हर महीने करते हैं. इसी का भंडाफोड़ हुआ है. जिला आबकारी कार्यालय में कार्यरत चपरासी सुधाकर धनगर ने शिकायतकर्ता परमिट रूम होटल कृष्णा परमिट रूम बीयर बार की अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण कराने में सहयोग करने के 8 हजार रुपये और परमिट रूम पर गाज नहीं गिराने के एवज में प्रति महीना 2500 के हिसाब से दो महीने के 5 हजार रुपये इस तरह 13 हजार रुपये की रिश्वत स्वीकारते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने धनगर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

लॉकडाउन में खूब बिकी शराब 

लॉकडाउन के दौरान शराब की बंद दुकानों में फर्जीवाड़ा कर पूरा स्टॉक अवैध रूप से बेचे जाने की खबर थी. उस समय भी जनप्रतिनिधियों ने आबकारी विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जो आज की कार्रवाई में  सही साबित हुए.

अधिकारियों की भी हो जांच 

एंटी करप्शन ब्यूरो ने छोटी मछली चपरासी को गिरफ्तार कर लिया है. शराब विक्रेता उनकी मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर इस मामले में संबंधित इंस्पेक्टर लाइसेंस रिनुअल करने वाले अधिकारी क्लर्क और अधीक्षक कड़ी जांच कर उन्हें भी रिश्वत स्वीकार ने के मामले में दोषी ठहरा कर उनकी भी जांच की मांग की है.