निर्यात बंदी बेअसर, प्याज के दामों में उछाल

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  • बंदरगाह व सीमा पर अटका 40 प्रतिशत प्याज हुआ खराब

नाशिक. प्याज निर्यात बंदी से केंद्र सरकार को कुछ लाभ नहीं हुआ. पिछले सप्ताह की तुलना करें तो जिले की मंडी समिति में प्याज के दाम औसतन 500 से 1100 रुपए बढ़ गए. कुल मिलाकर प्याज को 2 हजार 300 से 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल दाम मिला. देश में प्याज की मांग बढ़ते ही दाम बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही थी. ऐसे में केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात बंदी की अधिसूचना जारी की. परंतु कस्टम द्वारा उस दिन मुंबई, चेन्नई, तुतीकोरीन बंदरगाह सहित बांगलादेश, नेपाल की सीमा पर प्याज को रोका गया.

निर्यात बंदी के बाद किसानों का आंदोलन और व्यापारियों की नाराजगी के चलते केंद्र सरकार ने प्याज  निर्यात करने के लिए अनुमति देने का मन बनाया. प्रत्यक्ष में निर्यात बंदी के एक दिन पहले प्याज निर्यात की भूमिका ली गई. इससे 30 प्रतिशत प्याज की समस्या हल हुई. शेष 70 प्रतिशत प्याज को लेकर निर्णय नहीं हो पाया. इसलिए बंदरगाह सहित सीमा पर 40 प्रतिशत प्याज का नुकसान हुआ.

निर्यातदारों ने केंद्र के पास भाजपा नेताओं की मदद से अनुमती मांगी, लेकिन उसे प्रतिसाद नहीं मिला. इसके चलते बांगलादेश की सीमा से 225 में से 80 ट्रक वापस आए. कंटेनर और ट्रक के पीछे होने वाले नुकसान को वसूल करने के लिए यह प्याज देश में निर्यात की जाएगी. जिले में प्याज को सबसे अधिक दाम सटाणा में मिला. प्रति क्विंटल 3 हजार 950 रुपए दाम मिला. कलवण में 3 हजार 900, येवला में 3 हजार 500, मुंगसे में 3 हजार 400, चांदवड़ में 3 हजार 500, मनमाड में 3 हजार 700, पिंपलगांव में 3 हजार 651, देवला में 3 हजार 600, उमराणे में 3 हजार 800, लासलगांव में 3 हजार 800 रुपए दाम मिले.