पर्याप्त बारिश न होने पर जल-संकट की आशंका, जिले में अभी तक 67 % बारिश

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  • पश्चिम क्षेत्र में कम, पूर्व में औसतन से अधिक बारिश
  • झमाझम बरसात का इंतजार

नाशिक. बारिश इस साल नाशिक जिले पर रूठ गई है. आम तौर पर त्र्यंबकेश्वर, इगतपुरी, पेठ, सुरगाणा इन पश्चिम क्षेत्र में झमाझम बारिश होती है, लेकिन इस साल औसतन बारिश भी नहीं हुई है. तो सूखा के रूप में पहचाने जाने वाले बागलाण, नांदगांव, मालेगांव, चांदवड़ और देवला तहसील में औसतन से अधिक बारिश हुई है.

जिले में हुई बारिश की तुलना करें तो जुलाई में कुल औसतन में से इस बार केवल 67 प्रतिशत बारिश हुई. इसलिए जिले में चिंताजनक स्थिति निर्माण हुई है. बारिश सत्र के जून और जुलाई यह 2 माह बीत चुके है. 

नाशिक और मुंबई की बुझती है प्यास

इन दोनों माह में जिले में औसतन भी बारिश नहीं हो पाई है. कई जगह पर बारिश के अभाव में धान की रोपाई खतरे में आने से किसानों पर संकट मंडरा रहा है. पश्चिम क्षेत्र में होने वाले त्र्यंबकेश्वर, इगतपुरी, पेठ, सुरगाणा में जिले के पूर्व क्षेत्र में हर साल की तरह झमाझम बारिश होती है. यहां के जोरदार बारिश से नाशिक शहर और मुंबई की प्यास बुझाई जाती है, परंतु इस साल इन तहसीलों में हर साल की तुलना में कम बारिश हुई. 

दोबारा रोपाई का संकट

यह तहसील चावल खेती के लिए पहचानी जाती है, परंतु बारिश के अभाव में चावल की रोपाई खतरे में आ गई है. तो सूखा के रूप में पहचाने जाने वाले मालेगांव, नांदगांव, चांदवड़, बागलाण, देवला आदि तहसीलों में हर साल औसतन से अधिक बारिश होती है. बारिश के 2 माह खत्म हो चुके हैं. अब अगस्त और सितंबर माह में जोरदार बारिश होने की अपेक्षा है. ऐसा होने पर ही फसलों को संजीवनी मिलेगी और जल किल्लत की समस्या हल होगी.