फसल की चिंता में डूबा किसान, नाशिक ज़िले से रूठी बारिश

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  • सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

नाशिक. पिछले वर्ष जितनी मात्रा में नाशिक ज़िले में बारिश हुई थी उसकी तुलना में इस वर्ष ज़िले में कम बारिश हुई है. इसलिए जिले को सूखाग्रस्त कहा जा सकता है. इसलिए नाशिक ज़िले की विभिन्न तहसीलों में कई संगठनों ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है. नाशिक में होने वाली फसलों को देखें तो बारिश ना होने के कारण हर फसल खराब होने की कगार पर है. पानी कम होने से अंगूर की बेलों में बीमारी फैलने लगी है, धान की खेती भी सूखे की शिकार है. मकई में कीड़े लगने लगे हैं, सूरजमुखी मुर्झा सी गई है. कपास की कोंपल उगते ही टूटने लगे है. बारिश ना होने से नाशिक ज़िले का हर क्षेत्र का किसान चिंता में डूबा हुआ है.

अच्छी फसल का सपना टूटा

सभी पक्षों के नेता ज़िले को सूखा घोषित करने की मांग कर रहे हैं. पिछले वर्ष जितनी भरपूर बारिश हुई थी, उससे किसानों को लगता था कि इस वर्ष भी नाशिक ज़िले में अच्छी बारिश होगी, इसलिए हर फसल के किसानों ने खेती से होने वाले अच्छे उत्पन्न के सपने देख लिए थे, लेकिन इस साल बारिश ने किसानों के साथ साथ सामान्य नागरिक को भी धोखे में रख दिया है. नाशिक ज़िले में इस वर्ष बारिश ना के बराबर हुई ऐसा कहा जाए तो सुनने वाले को अपने कानों पर भरोसा नहीं होगा. इस वर्ष तो महाराष्ट्र के चेरापूंजी माने जाने वाले इगतपुरी तहसील को भी सूखे का सामना करना पड़ रहा है.

4 अगस्त को ज़िले में रिकार्ड की गई बारिश

नाशिक 00 मिली मीटर , इगतपुरी 21मिली मीटर, त्र्यंबकेश्वर 4.0 मिली मीटर, दिंडोरी 0.0 मिली मीटर, पेठ 1.0, निफाड 0.0, सातारा 0.0, चांदवड 0.0, देवला 0.0, येवला 0.0, नांदगांव 0.0, मालेगांव 2.0, बागान 0.0, कलवन 2.0, सुराणा 14.3 मिली मीटर.

इस प्रकार पूरे नाशिक ज़िले में मंगलवार को केवल 44 3 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई. जून और जुलाई माह में पूरे नाशिक ज़िले में केवल 7356 मिली मीटर बारिश हुई है जो पिछले साल की तुलना में केवल 10 दिनों का रिकॉर्ड है.