मनमाड़ से गुजरने वाली नदियों में बाढ़

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  • फसलों को भारी नुकसान, मकान ढहे
  • 8 घंटे में 104 मिमी बारिश दर्ज
  • 4 दिनों से लगातार हो रही जोरदार बारिश

मनमाड. विगत 4 दिनों से मनमाड शहर परिसर समेत समूचे नांदगांव तहसील में लगातार जबरदस्त बारिश हो रही है. शनिवार को रात 8 बजे से लेकर 2 बजे तक मूसलाधार बारिश हुई है. इन  8 घंटों में 104 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी है. मूसलाधार बारिश के कारण शहर के भीतर से गुजरनेवाली दोनों नदियों में बाढ़ आ गईं. बाढ़ का पानी नदी किनारे बसी बस्तियों में घुस गया, जिसके कारण लोगों में हड़कंप मच गया.

बारिश में फंसे लोगों को बाहर निकाला

नपा प्रशासन, पुलिस और परिसर के युवाओं ने लोगों को मकानों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया. तेज बारिश के कारण कुछ मकान ढह गए, वहीं खलिहान और शेडों में रखी सैकड़ों टन प्याज भीगकर खराब हो गयी. उधर, बारिश इतनी जबरदस्त थी कि मनमाड के समीप पानेवाड़ी में स्थित झाली हिंदुस्थान पेट्रोलियम कंपनी की ईंधन परियोजना की मुख्य सुरक्षा दीवार ढह गयी, जिसके कारण पानेवाड़ी-मनमाड मार्ग बंद हो गया था. लगातार हो रही बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान खेती को हुआ है. कई खेतों में पानी भर जाने से फसल बर्बाद हो गयी है.

बाढ़ का पानी बस्तियों में घुसा

शहर परिसर में बुधवार की शाम से बारिश शुरू हुई. उसके बाद रोजाना शाम को बारिश होने लगी है, लेकिन शनिवार को बारिश ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए. रात 8 बजे से बारिश शुरू हुई थी शुरू में हल्की बौछारें पड़ने लगीं, लेकिन उसके बाद बिजली की चमक और बादलों की गरज के साथ रात 2 बजे तक मूसलाधार बारिश हुई. बताया जा रहा है कि कई सालों बाद 8 घंटे में 104 मिमी बारिश हुई है. जबरदस्त बारिश होने के कारण शहर के भीतर से गुजरनेवाली रामगुलणा,पांझण इन दोनों नदियों में बाढ़ आ गई है. बाढ़ का पानी नदी किनारे बसी हुई बस्तियों में घुस आया, जिसके कारण लोगों में हड़कंप मच गया. नपा प्रशासन,पुलिस,स्थानीय युवाओं ने बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर उन्हें मस्जिद और व्यायाम स्कूल में ठहराया. बारिश से कुछ मकान ढह गए.

कंपनी की दीवार गिरने से यातायात जाम

मनमाड से 7 किमी दूर पानेवाड़ी परिसर में हिन्दुस्थान पेट्रोलियम कंपनी की ईंधन परियोजना क्रियान्वित है. बारिश के कारण इस परियोजना की मुख्य सुरक्षा दीवार धराशायी हो गयी.दीवार गिरने के कारण पानेवाड़ी-मनमाड मार्ग बंद हो गया था.इस मार्ग पर हमेशा लोगों समेत वाहनों की आवाजाही होती रहती है, लेकिन जब दीवार गिरी उस समय वहां कोई नहीं था अन्यथा बड़ा हादसा होकर कुछ लोगों की जान भी जा सकती थी.