बारिश से बर्बाद हुई फूल की खेती, मुसीबत में किसान

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मनमाड. कहा जाता है कि किसानों की किस्मत का फैसला मौसम एवं बारिश करती है. अच्छी बारिश होने पर किसान आबाद होता है. वहीं अगर जरूरत से ज्यादा बारिश हो जाये तो किसान संकट में आ जाता है. कुछ ऐसा ही इस साल मनमाड समेत समूचे नाशिक जिले में हो रहा है. क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मक्का,प्याज,बाजरा,कपास,समेत लगभग सभी फसलें बर्बाद हो गयी हैं.

नुकसान भरपाई की उठी मांग

जरूरत से ज्यादा बारिश से अन्य फसलों की तरह ही गेंदों के फूलों की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है. जिसके कारण फूलों की खेती करनेवाले हजारों किसान मुसीबत में फंस गये हैं. बर्बाद हुयी फसलों के पंचनामे करके नुकसान भरपाई दिए जाने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है.  

उत्सवों में होती है फूलों की खपत

चाहे त्योहार हो या फिर अन्य उत्सव उसमें गेंदों के फूलों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. विशेषता दशहरा एवं दीपावली का उत्सव तो गेंदों के फूलों के बगैर अधूरे माने जाते है. गेंदों के फूलों से अच्छी खासी हो आय हो जाती है और इस फसल को पानी भी काफी कम लगता है.

दशहरे के पहले होती है बुवाई

इसलिए मनमाड, चांदवड, येवला, मालेगांव, नांदगांव समेत नाशिक जिले के हजारों किसान दशहरे के पहले इस फसल की बुवाई करते हैं. कुछ किसान व्यापारियों के माध्यम से मुम्बई,नाशिक समेत अन्य बड़े शहरों की मंडी में गेंदों के फूलों को सप्लाई करते हैं. पिछले साल बारिश के अभाव में अकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी जिसके कारण गेंदों की फूलों की फसल न के बराबर हुयी थी.

मूसलाधार बारिश ने अरमानों पर फेरा पानी

इस साल अच्छी बारिश होने के कारण कई किसानों ने गेंदों के फूलों की फसल लगायी थी.फसल अच्छी आती देख इस साल धूमधाम से दीपावली मनाने की तैयारी किसानों ने कर रखी थी लेकिन विगत कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने फूलों की फसल बर्बाद कर दी.जिसके कारण किसान संकट में आ गये हैं.

इस वर्ष अच्छी बारिश होने से बड़े पैमाने पर किसान फूल की खेती की थी, फूल की फसल भी अच्छी थी, लेकिन अचानक हुई बारिश ने फूल की फसल को बर्बाद कर दिया. किसानों की कमर टूट गई. उनके सामने कोई रास्ता सूझ नहीं है. इस संकट से उबारने के लिए नुकसान की भरपाई सरकार करे.

-रोहित आंबे, किसान