Give Savarkar's name to Marathi literature conference site

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नाशिक. 94वां मराठी साहित्य सम्मेलन (94th Marathi Literature Conference) जिस जगह पर होने जा रहा है, उस जगह को वीर सावरकर (Veer Savarkar) का नाम दिया जाना चाहिए, ऐसी मांग यहां के भगूरपुत्र स्वातंत्र्यवीर सावरकर समूह की ओर से की जा रही है। साहित्य महामंडल अध्यक्ष कौतिकराव थले-पाटिल के साथ जयप्रकाश जातेगांवकर और संजय करंजकर को इन मांगों के बारे में ज्ञापन दिए गए हैं।

नाशिक स्वातंत्र्यवीर विनायक सावरकर का जन्मस्थान है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर एक राष्ट्रीय साहित्यकार, विचारक, कवि, लेखक, भाषाविद्वान और एक बहुमुखी व्यक्तित्व थे। स्वतंत्रता संग्राम में अपने क्रांतिकारी कार्य के साथ उन्होंने कई क्षेत्रों में प्रदर्शन किया है। जैसे कि कई पुस्तकों, उपन्यासों, कविताओं, मानव विज्ञान, समाचार पत्र और अन्य पुस्तकों के इतिहास, इतिहास लेखन, भाषा शुद्धि जैसे साहित्यिक काम किए हैं।

उन्हें 1938 में मुंबई में आयोजित मराठी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता भी मिली थी। इस वर्ष उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि में आयोजित होने वाला साहित्य सम्मेलन एक सुनहरा अवसर है। इसलिए उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए, ऐसा ज्ञापन में कहा गया है। समूह के संस्थापक मनोज कुमार, मंगेश मरकड, मृत्युंजय कापसे, योगेश बुरके, प्रशांत लोया, भूषण कापसे ज्ञापन देते समय हुए उपस्थित थे।