GST should be removed from books sold in the conference nashik

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    नाशिक. नाशिक (Nashik) में आयोजित होने वाले 94वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में बुकसेलरों (Booksellers) को दिए गए बुक स्टॉल (Book Stall) के लिए जीएसटी (GST) को रद्द करने की मांग करने का निर्णय सम्मेलन में आयोजित बैठक में लिया गया। यह निर्णय साहित्य महामंडल अध्यक्ष कौतिकराव ठाले-पाटिल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। साहित्य सम्मेलन में हर साल पुस्तक दीर्घाओं के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। 

    सम्मेलन जिसमें सबसे अधिक किताबें बेची जा सकती हैं उसके सफल होने की उम्मीद है। नाशिक में पुस्तक प्रदर्शनी के लिए 400 स्टाल प्रस्तावित किए गए हैं। इन स्टॉलों के लिए 6500 रुपये का अतिरिक्त जीएसटी लगाया जाना था। इसके कारण प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं में असंतोष था। यह संख्या 7710 थी। यह राशि बुकसेलरों के लिए सस्ती नहीं थी। 

    महामंडल के अध्यक्ष कौतिकराव से शिकायत 

    आज तक आयोजक संस्था ने बुकसेलरों पर कभी भी जीएसटी नहीं लगाया है। नाशिक में बुकसेलरों से जीएसटी वसूलने का चलन शुरू हो गया था। कुछ बुकसेलरों ने इस मामले को आयोजकों के संज्ञान में लाया, लेकिन जैसा कि आयोजक अपने फैसले पर अड़े थे, कुछ बुकसेलरों ने स्टालों को बुक नहीं करने का फैसला किया। कुछ बुकसेलरों ने बुक किए गए स्टालों को रद्द करना शुरू कर दिया। चूंकि आयोजक संस्था के पदाधिकारी बुकसेलरों के विचारों को सुनने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए कुछ बुकसेलरों ने साहित्य महामंडल के अध्यक्ष कौतिकराव ठाले-पाटिल के पास शिकायत दर्ज कराई, लेकिन इस बैठक में बुकसेलर्स मौजूद नहीं थे। साहित्य महामंडल के अध्यक्ष कौतिकराव ठाले-पाटिल, कार्यकारी अध्यक्ष दादा गोरे, कोषाध्यक्ष रामचंद्र कलुंके और कुछ अन्य प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया। इस बैठक में पंडित क्षेमकल्याणी और ग्रन्थ समिति के वसंत खैरनार के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करके परेशान करने वाले मुद्दों को हटा दिया गया था। 

    अन्य स्थानों पर भी GST न लगे

    साहित्य सम्मेलन के लिए सभी वस्तुओं पर जीएसटी लगाया जा रहा है। स्टॉल बुक करने वालों से मांग की जा रही है कि बुकसेलरों पर जीएसटी नहीं लगाया जाए। इसी प्रकार स्व सहायता समूहों के लिए कुछ स्टाल प्रदान किए जाते हैं। इन दिनों उनके पास पैसा नहीं है, इसलिए जीएसटी को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की गई है।