नाशिक में ओलावृष्टि का कहर,  किसान तनाव में

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     नाशिक. जिले के निफाड(Nifad), बागलान और दिंडोरी (Dindori) सहित मालेगांव के कुछ हिस्सों में शनिवार को बेमौसम बारिश (Rain) हुई। मालेगांव में उमबर्डे, चिंचगावहन और नरडाणे गांवों में ओलावृष्टि से लगभग 300 एकड़ प्याज (Onion) और अनार (Pomegranate) खराब हो गए। अंगूर (Grapes) और गर्मियों के प्याज की कटाई के मौसम में बारिश से किसान (Farmers) काफी तनाव में हैं। किसान पहले ही से संकट में थे क्योंकि कोरोना (Corona) की वजह से अंगूर और प्याज के अच्छे दाम नहीं मिल रहे थे। 

    उमर्डे, चिंचगावहन और नरडाणे में शाम करीब 4.30 बजे बारिश और ओलावृष्टि हुई। इस दौरान तेज हवाएं भी चलीं। यहां बिजली गिरने से एक बैल की मौत हो गई। उमबर्डे के पूर्व सरपंच विजय इप्पर ने कहा कि गर्मियों की फसल के नुकसान ने किसानों पर भारी असर डाला है। जिले में दो-तीन दिनों से बादल छाए हुए थे। शनिवार दोपहर पिंपलगांव, अहेरगांव, वखारी, उत्तराने, सोनजाम, जयखेड़ा और नामपुर इलाकों में ओलावृष्टि हुई। निफाड़ तहसील में अधिकांश अंगूर के बाग खाली हो चुके हैं। कुछ बचे हुए हैं, ओले ने उन्हें खतरे में डाल दिया है।

    चार-पांच दिन छाए रहेंगे बादल

    मराठवाड़ा और विदर्भ में चक्रवाती हवाएं सक्रिय हैं और यह समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर है। इसके अलावा, राजस्थान, अरब सागर और कच्छ में कम दबाव का बेल्ट बन रही है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मौसम में कुछ हद तक सुधार हुआ है। 4 से 5 दिनों तक बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने का अनुमान है।

    सटाणा में भी पड़े ओले

    बागलान तहसील में भी बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में विधायक दिलीप बोरसे ने किसानों को बार-बार प्राकृतिक आपदाओं के कारण हो रहे वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए 25,000 रुपए प्रति हेक्टेयर देने, ऋण और बिजली बिल की माफी की तत्काल मांग की है। उन्होंने कहा कि बागलान तहसील की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि व्यवसाय पर आधारित है। विधायक ने कहा कि 20 मार्च को हुई बारिश ने 7000 हेक्टेयर भूमि पर प्याज, गेहूं, चना, अनार और सब्जियों को प्रभावित किया है, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

    शिर्डी में भी फसल हुए बर्बाद  

    राहुरी तहसील में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया। कटे हुए प्याज के साथ गेहूं, ज्वार और मक्का की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई स्थानों पर तेज हवाओं से पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। कई मकान भी ढह गए हैं।  मूला बांध के किनारे कई पेड़ गिर गए। खंभे गिरने से नांदूर क्षेत्र के बड़ागांव में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। ओलावृष्टि ने वांबोरी, देवलाली प्रवर, महेसगांव, गुहा, छाता, ब्राह्मणी, टाकलीमिया, अर्दगांव, बाभुलगांव और दिग्रस में भारी क्षति पहुंचाई है। किसानों की रबी फसलों के साथ आम और चीकू के पेड़ भी क्षतिग्रस्त पाए गए। तरबूज भी बुरी तरह से प्रभावित हो गए।