वारिसों को मिली नौकरी, रंगलाई शिवसेना की मेहनत

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    नाशिक. नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) में कार्यरत कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके वारिसों को नौकरी (Job) दी जाती है, लेकिन पिछले 8-9 सालों से इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा था, जिसे लेकर शिवसेना (Shiv Sena) के हरसंभव प्रयास के बाद राज्य सरकार ने मंजूरी दी। इसके बाद अनुकंपा चयन समिति ने 175 पात्र उम्मीदवारों की सूची अंतिम करते हुए पहले चरण में 147 वारिसों को शैक्षणिक पात्रता के तहत आस्थापना में रिक्त होने वाले पद पर नियुक्त किया। 

    नाशिक महानगरपालिका (NMC) की सेवा में कार्यरत किसी कर्मचारी की मौत होने पर उसके वारिसों को सेवा में लेने का प्रावधान है, लेकिन आस्थापना खर्च बढ़ने से राज्य सरकार की ओर से अनुकंपा भर्ती की अनुमति नहीं दी थी। इसके चलते एनएमसी के अनुकंपा तत्व पर होने वाले नियुक्ति की समस्या 2013 से लंबित थी।

    अनेक वारिसों की निकल गई उम्र

    एनएमसी और सरकार से गुहार लगाने के बाद भी मृत कर्मचारियों के वारिसों को न्याय नहीं मिल रहा था। इसमें से अनेक वारिसों की उम्र निकल गई है। राज्य में महाविकास आघाड़ी की सत्ता आने के बाद शिवसेना नेता अजय बोरस्ते, गटनेता विलास शिंदे ने वारिसों की नियुक्ति के लिए हरसंभव प्रयास करते हुए एनएमसी कमिश्नर कैलाश जाधव को पत्र भी दिया। इसके बाद प्रशासन ने प्रक्रिया पूर्ण की। अनुकंपा चयन समिति की बैठक हुई, जिसमें आपत्ति और दस्तावेज की जांच की। इसके बाद चयन समिति ने 175 पात्र उम्मीदवारों की प्राथमिक प्रतीक्षा सूची तैयार की। एनएमसी के प्रस्ताव के तहत अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति सरकार को मान्य करने से सूची में शामिल पहले 147 उम्मीदवारों को शैक्षणिक पात्रता के तहत सेवा में लेने की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरू की।

    7 बैठक के बाद हुआ निर्णय

    अनुकंपा तत्व पर वारिसों को नौकरी देने के लिए शैक्षणिक पात्रता, उम्र में बदलाव होने से पात्र उम्मीदवारों की प्रतीक्षा सूची तैयार की गई। इसके लिए अनुकंपा चयन समिति की 7 बार बैठक हुई। इसके बाद निर्णय लिया गया।

    मृत कर्मचारियों के वारिसों को अनुकंपा तत्व पर नौकरी देने का मुद्दा लंबित होने से कई परिवार मुसीबत में थे। शिवसेना ने इस मुद्दे को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जिसके बाद राज्य सरकार ने अनुमति दी। इसके चलते मृत कर्मचारियों के वारिसों को न्याय मिला।

    -अजय बोरस्ते, विपक्ष नेता,एनएमसी