Cold stress is increasing gradually
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  • सावधानी नहीं बरतेंगे तो स्थिति होगी गंभीर

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नाशिक. सर्दी के मौसम में कोविड बाधित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिसके तीव्र रूप धारण करने की संभावना है. केंद्रीय स्वास्थ्य यंत्रणा के निर्देश के अनुसार 14 दिसंबर से 26 जनवरी के दौरान अधिक खतरा बना हुआ है. लोग यदि सावधानी नहीं बरतेंगे तो स्थिति गंभीर होने की संभावना डॉक्टर्स भी जता रहे हैं.

दुनिया भर में कोरोना और अन्य बीमारियों के प्रकोप बढ़ रहे हैं. भारत में भी सर्दियों में कोरोना की अधिक तीव्र लहर की आशंका है. दिल्ली में मरीजों की बड़ी संख्या के कारण अधिक जोखिम बना हुआ है. दिवाली से पहले नाशिक में कोविड पीड़ितों की संख्या नियंत्रण में आ गई, लेकिन अब यह संख्या बढ़ रही है. दिवाली तक के दिनों में केवल 150 से 200 रोगियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. सोमवार को 367 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. मंगलवार को 282 की सूचना मिली. 

14 के बाद बढ़ सकते हैं मरीज 

दिवाली से एक दिन पहले जिले में डेढ़ हजार पीड़ितों का पंजीकरण किया गया. प्रशासन और स्वास्थ्य एजेंसियों ने सर्दियों में कोरोना मरीजों की संख्या में 5 गुना वृद्धि की आशंका व्यक्त की है, लेकिन कोरोना के नियंत्रण में नागरिकों की उदासीनता में वृद्धि हुई है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने आशंका व्यक्त की है कि 14 दिसंबर के बाद मरीजों की संख्या काफी बढ़ सकती है, क्योंकि सर्दियों का जोर अधिक होता है. जिले में सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में प्रतिदिन साढ़े चार से 5 हजार कोविड परीक्षण किए जाते हैं. सर्दी की तीव्रता होने के साथ ही इन परीक्षणों को बढ़ाया जाएगा. 

एक दिन में 10,800 परीक्षण 

जिला प्रशासन ने एक दिन में 10,800 परीक्षण करने का लक्ष्य रखा है. जैसे ही परीक्षणों की संख्या बढ़ जाती है वैसे ही रोगियों की संख्या भी बढ़ती है. ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने दी. कोरोना के लक्षण के बावजूद कई लोग अब भी कोविड परीक्षण के लिए आगे आने के बजाय निजी चिकित्सक से इलाज करवा कर घर पर रहना पसंद कर रहे हैं. यह बेहद खतरनाक है और ऐसे संभावित रोगी अपने स्वयं के जीवन और दूसरों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं. इसलिए प्रशासन जल्द से जल्द जांच और निदान की अपील कर रहा है.

सर्दी में संक्रमण का खतरा अधिक

ठंड का जोर वर्तमान में तो कम है, इसलिए कोविड संसर्ग की तीव्रता अभी नहीं बढ़ी है. ठंडी धीरे- धीरे बढ़ रही है जिससे फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इनमें से अधिक मरीज कोरोना बाधित हो सकते हैं. मास्क का उपयोग करने के लिए लोग सतर्क नहीं हैं. सर्दी के मौसम में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ सकती है, लेकिन अन्य बीमारियां भी फैलती हैं, जिससे कोरोना के संसर्ग का धोखा बढ़ जाता है. 

-डॉ. अनंत पवार, निवासी चिकित्सा अधिकारी

लक्षण दिखने पर जांच जरूरी 

लोग कोविड के निदान के लिए न आकर खुद ही घर में क्वारंटाइन हो रहे हैं. यह उनके और उनके परिवार के लिए कठिनाई बन सकता है. सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने पर कोविड की जांच कराना जरूरी है. ग्रामीण इलाकों में इन दिनों रोज 450 से 500 जांच की जाती है, जो 2000 तक की जा सकती है. 

-डॉ. कपिल आहेर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी

केंद्रस्तरीय स्वास्थ यंत्रणा ने किया अलर्ट

  • 14 डिसेंबर से 26 जानवरी तक अधिक खतरा.
  • सावधानी न बरतने पर बढ़ सकता है संक्रमण.
  • जांच के लिए लोग आगे आएं.
  • स्वास्थ्य के साथ अन्य यंत्रणा संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार.
  • जिले में जांच की संख्या दोगुनी की जाएगी.