रोप-वे दान धर्म मामले की जांच शुरू

  • पालकमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
  • जिलाधिकारी मांढरे ने गढ़ का दौरा कर की प्राथमिक जांच

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कलवण. श्री सप्तश्रृंगी निवासिनी देवी ट्रस्ट के नए विश्वस्तों की चयन प्रक्रिया शुरू होने के बीच फनिक्युलर रोप वे प्रकल्प की भागीदार कंपनी सुयोग गुरुबक्षी रोप-वे प्रा. लि. को दी गई 1248 में से 572 स्क्वायर फीट जमीन का अधिकार छोड़ने सहित जमीन की अदला- बदली मामले को पालकमंत्री छगन भुजबल ने गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सूरज मांढरे को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. मांढरे ने सप्तशृंगी गढ़ पर पहुंचकर इस मामले की प्राथमिक जांच की. इसलिए इस प्रस्ताव को घुमाने वालों पर कार्रवाई होने की संभावना है. दो दिनों पूर्व इस संदर्भ में समाचार प्रकाशित हुआ था.

श्री सप्तश्रृंगी निवासिनी देवी ट्रस्ट की आर्थिक क्षमता कमजोर होने के कारण गढ़ पर स्थित फनिक्युलर रोप वे तैयार करने का काम सरकार ने बीओटी के अनुसार सुयोग गुरुबक्षी रोप-वे प्रा. लि. नामक कंपनी को दिया है. उसके बदले में कंपनी को गढ़ पर स्थित 10 एकड़ जमीन करार पद्धति से दी गई है. प्रकल्प शुरू होने के बाद कंपनी ट्रस्ट को करीब 1248 स्क्वायर फीट जमीन विविध जगहों पर देने वाली थी. इसमें शारदा इमारत में 1 हजार स्क्वायर फीट, दान कक्ष के लिए 148 स्क्वायर फीट, अप्पर स्टेशन अर्थात मंदिर के गर्भगृह में 100 स्क्वायर फीट मिलाकर 1248 स्क्वायर फीट जमीन ट्रस्ट को वापस करने की बात अनुबंध में कही गई थी. इसके अनुसार कंपनी ने यह जमीन कब्जे में लेने के लिए कई बार ट्रस्ट के साथ पत्राचार किया था. सरकार ने भी जमीन को लेकर लगातार प्रयास करने के बावजूद उसे नजर अंदाज किया, लेकिन जमीन के दामों में उछाल आने के बाद कंपनी के विचार में बदलाव हुआ.

कम्पनी को करार पर दी गई है 10 एकड़ जमीन

कुछ विश्वस्तों के साथ मिलीभगत करते हुए शारदा इमारत में मिलने वाले 1 हजार स्क्वायर फीट जमीन का अधिकार छोड़ने सहित वैकल्पिक इमारत में 526 स्क्वायर फीट और 150 स्क्वायर फीट को मिलाकर 676 स्क्वायर फीट जमीन कब्जे में लेने के लिए चुनाव प्रक्रिया के दरमियान प्रस्ताव रखा था. चौंकाने वाली जानकारी यह थी कि मंदिर के गर्भगृह के पास की जमीन का अधिकार छोड़ने की भी तैयारी की गई थी. नए विश्वस्त चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बीच पुराने विश्वस्तों का हस्ताक्षर लेकर प्रस्ताव मंजूरी का प्रयास शुरू किया गया था, जिसका कुछ विश्वस्तों ने विरोध किया था. विश्वस्तों के इस अनूठे दान धर्म की खबर प्रकाशित होने के बाद उसे पालकमंत्री भुजबल ने गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी मांढरे को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए.

रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई

इस संदर्भ में समाचार पढ़ने के बाद मैंने जिलाधिकारी को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. अनुबंध का पालन करने की जिम्मेदारी ट्रस्ट व रोप-वे कंपनी की है. इसके अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

-छगन भुजबल, पालकमंत्री