गोदाकाठ पर वीरपुत्र नितिन भालेराव को दी गई आखरी सलामी

Loading

नाशिक. नितिन पुरुषोत्तम भालेराव (38) जिन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों को मात दी और अपने कंधों पर राष्ट्रीय सेवा का संकल्प लिया, वीरगति प्राप्त करने के बाद रविवार दोपहर नाशिक के लोगों ने ‘भारतमाता की जय’ और ‘नितिन भालेराव अमर रहे’ की घोषणा करके नितिन को आखरी सलामी दी. रविवार को शहीद नितिन का पार्थिव शरीर उनके निवास राजीवनगर में लाया गया था. 

5 दिसंबर को अपनी बेटी के जन्मदिन पर नितिन भालेराव दो दिनों बाद नाशिक आने वाले थे. उनका परिवार भी उनकी राह देख रहा था. उनका शव रविवार को नाशिक पहुंचा तो उनके परिवार के सदस्यों ने शहीद को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी. नितिन भालेराव के शहीद होने की खबर रविवार सुबह राजीवनगर में श्रीजी श्रृष्टि भवन में रहने वाले भालेराव परिवार तक पहुंची. उनके परिवार में मां भारती, पत्नी रश्मि, 6 साल की बेटी वेदांगी, बड़े भाई अमोल और छोटा भाई सुयोग है. परिवार नितिन की मौत की खबर पर विश्वास नहीं कर सका. अभी दो दिन पहले हर कोई वीडियो कॉल पर बात कर रहा था. मैं जल्द ही छुट्टी पर आऊंगा, ऐसा उन्होंने कहा था. जैसा कि 5 दिसंबर को बेटी का जन्मदिन था, वह 2 दिनों में नाशिक पहुंचने वाले थे. नियति को यह मंजूर नहीं था.

21 दिसंबर को था नितिन का जन्मदिन 

21 दिसंबर को नितिन का जन्मदिन भी है. इस समय को अपने परिवार के साथ बिताने के दौरान वह अपने परिवार को भंडारा शहर में स्थालांतरित करना चाहते थे. उन्हें वहां सीआरपीएफ की ओर से बड़ा घर मिला था. नितिन जो बहुत ही मिलनसार थे और मिलकर रहने की प्रवृत्ति रखते थे, नाशिक लौट आए, लेकिन नि:शब्द पार्थिव शरीर के रूप में. उनकी वापसी से भालेराव परिवार सहित सभी को झटका लगा. 

2008 में सीआरपीएफ में हुए थे शामिल 

वह 2008 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. कुछ साल पहले उन्होंने कोबरा बटालियन के लिए आवश्यक कठोर प्रशिक्षण पूरा किया था. उसके बाद उन्होंने जम्मू और कश्मीर, गांधीनगर, छत्तीसगढ़ जैसे विभिन्न इलाकों में देश सेवा की. यह खबर मिलते ही राजीवनगर में शोक फैल गया. जिला पालक मंत्री छगन भुजबल, सांसद हेमंत गोडसे, विधायक सीमा हिरे सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भालेराव परिवार के घर पहुंच गए और उन्हें सांत्वना दी. 

रो-रो कर परिवार का बुरा हाल

इस बीच, नितिन का पार्थिव शरीर रविवार को दोपहर करीब एक बजे रायपुर से विशेष उड़ान द्वारा ओझर हवाई अड्डे पर लाया गया. वहां से वाहन राजीवनगर पहुंचा. शाम करीब 4 बजे परिजनों को पार्थिव की झलक मिली. इस समय पत्नी, माँ और भाई सहित रिश्तेदारों का दर्द दर्शकों के दिलों को झकझोर देने वाला था. इस खबर से वीरपत्नी रश्मि हैरान रह गई. उसके आंसू थम नहीं रहे थे. जैसे ही उसने अपने पति के पार्थिव शरीर को अपने सामने देखा, वह फूट-फूट कर रोने लगी.

इस बीच, सीआरपीएफ का एक सहायक कमांडेंट सुबह से ही मौजूद था. वह अपने प्रधान कार्यालय के संपर्क में रहे और उन्हें अंतिम संस्कार की तैयारियों की जानकारी दी. इस अवसर पर जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे. CRPF में सेवारत नितिन कोबरा बटालियन-206 में सेवारत थे. उन्होंने सीआरपीएफ में नियुक्त होने के बाद इसमें भर्ती होने के लिए विशेष प्रयास किए थे.

कोबरा बटालियन आतंकवादियों के साथ-साथ नक्सलियों से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है. वर्तमान में कुल दस बटालियन कार्यरत हैं और नितिन गढ़चिरौली के कोबरा बटालियन-206 में तैनात थे. इस बटालियन के अधिकारियों और कर्मचारियों को घने जंगलों सहित प्रतिकूल परिस्थितियों में नक्सलियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. इस बटालियन में केवल मेहनती और चतुर सैनिकों को मौका मिलता है. नितिन के राजीवनगर पहुंचने से पहले, स्थानीय लोगों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वेच्छा से क्षेत्र में पेड़ों की शाखाओं को काट दिया.

उनके आवास पर लाया गया. हजारों लोगों ने ‘भारतमाता की जय’, ‘वंदे मातरम’, ‘नितिन भालेराव अमर रहे’ का जयघोष किया. उसके बाद उन्हें अपने घर में रखा गया. इसके तुरंत बाद पार्थिव को उनकी इमारत की पार्किंग में लाया गया और नागरिकों के दर्शन के लिए रखा गया. इस अवसर पर भी नागरिकों ने ‘भारतमाता की जय’ और ‘नितिन भालेराव अमर रहे’ का जाप करके नितिन को श्रद्धांजलि दी. उनका अंतिम सफर एक फूलों से सजे वाहन में राजीवनगर, इंदिरानगर, द्वारका तक गुजरा. इस वीर सपूत को अंतिम सम्मान देने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे. राजीवनगर क्षेत्र के व्यापारियों रविवार को अपना कोरोबार बंद रखा. 

मेरा भाई बहुत मिलनसार था. देश की सेवा करते हुए भाई को वीर मृत्यु प्राप्त हुई. हमारे परिवार का दुःख बहुत बड़ा  है लेकिन देश सेवा महत्वपूर्ण है! अगर मुझे आज मौका मिला तो मैं भी सीआरपीएफ की सेवा करूंगा.

(सुयोग भालेराव, शहीद नितिन के छोटे भाई)