Mahashivratri without devotees in Trimbakeshwar

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    त्र्यंबकेश्वर. भक्तों के बगैर श्री क्षेत्र त्र्यंबकेश्वर (Trimbakeshwar) में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) मनाई गई। कोरोना (Corona) के कहर को देखते हुए मंदिर बंद (Temple Closed) किया गया था। महाशिवरात्रि को पहली बार त्र्यंबकेश्वर मंदिर बंद रखा गया। मंदिर में त्रिकाल पूजा की गई। रात 12 बजे महापूजा हुई।

    दोपहर 3 से 5 के बीच त्र्यंबकेश्वर की पालखी पाचआली मार्ग से निकाली गई। भगवान की मूर्ति को कुशावर्त में स्नान करवाया गया। पुराने संस्थानीय जोगलेकर वाड़े से पालखी समारोह की शुरुआत हुई। 

    पालखी का पुष्प वर्षा कर स्वागत

    नागरिकों ने जगह-जगह पर रंगोली निकालकर पुष्पवृष्टि कर पालखी का स्वागत किया। मंदिर में आकर्षक विद्युत रोशनाई की गई है। विश्वस्त प्रशांत गायधनी, संतोष कदम, तृप्ति धारणे, पंकज भूतड़ा, दिलीप तुंगार, भूषण आडसरे, स्त्यप्रिय शुक्ल, कार्यकारी अधिकारी समीर वैद्य आदि उपस्थित थे। त्रंबकेश्वर पुलिस ने तगड़ा बंदोबस्त तैनात किया था।

    पुराने महादेव का किया दर्शन

    पुराने महादेव मंदिर में भक्तों ने दर्शन किया। दिन भर भक्तों ने शिव उपासना की। कुशावर्त तीर्थ पर दर्शन के लिए पाबंदी थी। कुछ भक्तों ने मंदिर के बंद दरवाजे पर माथा टेक कर दर्शन किए।