केंद्र के आदेश से ही हल होगा मराठा आरक्षण का प्रश्न : हरिभा‍ऊ राठोड

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नाशिक. केंद्र सरकार के कानून के प्रावधान 102 के कारण मराठा आरक्षण अड़चन में फंस गया है. आरक्षण में अड़चन लाने वाले प्रवाधान के खंड 342 (अ) और उपखंड 366 (26क) में बदलाव करने के लिये केंद्र ने अध्यादेश पारित किया तो मराठा आरक्षण का मामला हल होगा, ऐसा विश्वास पूर्व विधायक हरिभाऊ राठोड ने व्यक्त किया है. नाशिक में शासकीय विश्रामगृह में पत्रकार परिषद को राठोड संबोधित कर रहे थे. मराठा समाज के आरक्षण के लिये ओबीसी का शिष्टमंडल सभी मराठा समाज के नेताओं से मुलाकात कर रहा है.

इस संदर्भ में नए सूत्र अगले माह तक तैयार हो जाएंगे, जिसके अनुसार शासन को नया प्रस्ताव दिये जाने का खुलासा विधायक राठोड ने किया. केंद्र सरकार ने 2017 में कानून के 102वीं घटना दुरुस्ती के खंड 342 (अ) और उपखंड 366 (26क) के बदलाव के कारण राज्य सरकार के अधिकारों के विषय में स्पष्ट अर्थबोध ना होने होने के कारण सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण में अड़चनें आ रही हैं. मराठा आरक्षण का मामला न्याय प्रविष्ट होने से इस संदर्भ में राज्य सरकार को किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. लेकिन इस परिस्थिती में भी कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिये मराठा समाज के कार्यकर्ताओं को आंदोलन करने के लिये उकसा रहे हैं और उन की दिशाभूल कर रहे है. ऐसा आरोप भी विधायक राठोड ने लगया है.

बारा बलुतेदारों को 4 प्रश आरक्षण दिया जाए

ओबीसी में बारा बलुतेदार समाज का समावेश है, इसलिये उन्हें स्वतंत्र 4 प्रश आरक्षण मिले. इसी प्रकार अन्य समाजों को भी जाति के आधार पर एकत्रित करके आरक्षण का प्रतिशत निश्चित किया गया तो मराठा समाज को भी 50 प्रश आरक्षण में शामिल किया जाना मुमकिन है, ऐसा विधायक हरिभाऊ राठोड ने स्पष्ट किया है.