- प्रक्रिया पूरी होने के बाद बढ़ेगी ग्राम पंचायतों की आय
देवला. राज्य सरकार (State government) ने हर एक गांव की भूमि का मापन (Land measurement) ड्रोन कैमरा (Drone camera) से करने का निर्णय लिया है। इसके तहत देवला तहसील (Devla Tehsil) के 23 गांवों के भूमि का ड्रोन कैमरा (Drone camera) के माध्यम से भूमि अभिलेख कार्यालय ने मापन शुरू किया।
इस समय भूमि अभिलेख नाशिक जिला अधीक्षक महेश शिंदे, देवला के तहसीलदार दत्तात्रेय शेजुल, देवला भूमि अभिलेख उपाधीक्षक सुभाष गावित, गट विकास अधिकारी राजेश देशमुख, सटाणा उपाधीक्षक राहुल पाटिल, मुख्यालय सहायक प्रशांत आडांगले आदि उपस्थित थे। इस प्रक्रिया की शुरुआत खामखेड़ा गांव की गावठाण भूमि से हुई।
सभी को मिलेगा डिजिटल प्रापर्टी कार्ड
यह कार्य पूर्ण होने के बाद गांव के हर एक मकान मालिक का डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड (पीआर कार्ड) तैयार कर आय का स्वरूप अभिलेख सरकारी स्तर पर किया जाएगा। मापन के लिए 6 दल तैयार किए गए हैं। एक दल को 4 गांव दिए गए हैं। गावठाण सीमा क्षेत्र निश्चित करने के लिए पटवारी, ग्रामसेवक और सरपंच सहयोग करेंगे। इस मापन में गांव के अंतर्गत सड़कें, मकान, खुली जगह के नक्शे तैयार किए जाएंगे।
प्रॉपर्टी कार्ड तैयार कर ग्रामीणों को दिए जाएंगे। यह जानकारी जिला अधीक्षक भूमि अभिलेख नाशिक महेश शिंदे और देवला तहसील उपाधीक्षक सुभाष गावित ने दी। ड्रोन कैमरा मापन में खामखेडा, कांचणे, भावडे, कुंभार्डे, वाजगांव, वडाले, वर्हाले, सावकी, कनकापुर, खडकतले, सांगवी, वरवंडी, शेरी, भिलवाड़, चिंचवे, विठेवाड़ी, वार्शी, देवपुरपाडे, गिरणारे, मटाणे, हनुमंतपाडा, कापशी, डोंगरगांव आदि गांव शामिल हैं।
ग्राम पंचायत के पास गावठाण का अभिलेख उपलब्ध न होने से कितनी जगह है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। संपत्ति का मालकी पत्र न होने से ग्रामीणों को गृह कर्ज, बैंक गहन या कर्ज नहीं मिलता है। गावठाण मापन के बाद हर एक गांव के नदी-नाले, खेत सड़क की जानकारी उपलब्ध होगी। हर एक ग्राम पंचायत को संपत्ति टैक्स आय का साधन है। बढ़ते नागरीकरण की तुलना में टैक्स आय नहीं बढ़ पाई।
क्योंकि अब तक ग्राम पंचायत सीमा क्षेत्र की संपत्ति का सर्वे नहीं हुआ था। साथ ही संपत्ति का पुनर्मूल्यांकन नहीं हुआ। ग्राम पंचायतों को उनकी सीमा क्षेत्र में निर्माण कार्य को अनुमति देने के अधिकार राज्य सरकार ने दिए हैं। परंतु कई ग्राम पंचायतों के पास सीमा क्षेत्र के नक्शे नहीं हैं। गावठाण की भूमि का मापन होने के बाद सभी जानकारी ग्राम पंचायतों को मिलने वाली है। साथ ही ग्राम पंचायतों की आय भी बढ़ने में मदद होगी।