MNREGA
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  • नंदूरबार में योजना को दी गई प्राथमिकता
  • गांवों में ही रोजगार देने का प्रयास

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नंदुरबार. नंदुरबार जिले में लॉकडाउन की स्थिति में जिला प्रशासन ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. पिछले 6 महीनों में 21 लाख 30 हजार मानव दिवस सृजित किए गए हैं. पिछले तीन महीनों में, 44 प्रतिशत व्यय हुआ है और पिछले वर्ष की तुलना में 41 प्रतिशत मानव-दिन उत्पन्न हुए हैं.

मनरेगा के तहत, प्रशासन ने अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए ग्रामीण स्तर पर सावधानीपूर्वक योजना बनाई.अभियान को व्यवस्थित कार्य योजना द्वारा त्वरित किया गया था.

64 हजार से अधिक को मिला रोजगार

इससे संकट के समय में एक ही दिन में 64 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिला.मनरेगा के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 66.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए और कुल 25.32 लाख मानव दिवस सृजित किए गए.वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों में, 58 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च किए गए हैं और 21 लाख 30 हजार मानव दिवस बनाए गए हैं.मई में, 47,488 घरों में एक साथ काम किया गया था.

बड़े पैमाने पर हटाया कीचड़

पिछले वर्ष के मानव दिवस की तुलना में, इस वर्ष 84 प्रतिशत मानव दिवस उत्पादन पिछले 6 महीनों में ही प्राप्त किया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में पिछले तीन महीनों में 87 प्रतिशत व्यय हुआ है. विभिन्न विभागों जैसे ग्राम पंचायत, वन, सामाजिक वानिकी, कृषि आदि ने मनरेगा के कार्य किए हैं.गर्मियों के दौरान बड़ी मात्रा में कीचड़ हटाने का काम किया गया. इस पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए.इन कार्यों से जल स्रोत में जल संग्रहण बढ़ा है और इससे क्षेत्र के नागरिकों को लाभ होगा.मानसून के दौरान पेड़ लगाने, नर्सरी, फलों के पेड़ लगाने आदि को प्राथमिकता दी गई.मनरेगा के तहत घरों के निर्माण में भी तेजी लाई गई.प्रशासन अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार देने की कोशिश कर रहा है क्योंकि कोरोना संकट के कारण कई लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं.

फलों के पेड़ लगाने की योजना

मनरेगा के माध्यम से गांव के विकास के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए नागरिकों की जागरूकता पर जोर दिया जा रहा है.कुल मिलाकर, यह योजना संकट के समय में नागरिकों को राहत देने वाली रही है.