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    नाशिक. मार्च खत्म होते-होते इस माह में पूरी तरह से व्यवस्था होने पर भी जिला परिषद (Zilla Parishad) की इमारत (Building) में कोरोना (Corona) ने अपने पैर जमा लिए हैं। पिछले 4-5 दिनों में उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित 40 से अधिक कर्मचारियों को काम से तुरंत छुट्टी दे दी गई है और मुख्यालय में आने वालों पर प्रतिबंध (Restriction) लगाया गया है। सभापति बालासाहेब क्षीरसागर ने बताया कि नागरिकों को मंगलवार से पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

    मिनी मंत्रालय के नाम से जाना जाने वाला जिला परिषद में मार्च एंडिंग के कारण बिल निकालने के लिए ठेकेदारों के साथ अन्य लोगों की भीड़ हो रही है। शहर में कोरोना मरीजों की संख्या रोज बढ़ रही है। ऐसे में कल तक जिला परिषद के निर्माण विभाग और अन्य विभागों में हर किसी को प्रवेश दिया जा रहा था, जिससे बड़ी मात्रा में कोरोना का संसर्ग बढ़ गया। 

    मरीजों के लिए बेड आरक्षित

    पदाधिकारियों के सिपाहियों के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों पर भी इसका परिणाम हुआ है। इतना ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी संसर्ग फैलने से मुख्य कार्यकारी अधिकारी लीना बनसोड ने घटना व्यवस्थापक के रूप में जिला अस्पताल के साथ ग्रामीण भाग में उपजिला अस्पताल और जगह-जगह मरीजों के लिए बेड आरक्षित कर दिए हैं। जिला परिषद में कोरोना का फैलाव होने से अपने काम से आने वाले नागरिकों को भी प्रवेश द्वार पर ही रोक कर कड़ी पूछताछ की जा रही है। जिस विभाग में काम है, वहां के अधिकारी की अनुमति होने के बाद ही लोगों को जिला परिषद के मुख्यालय में प्रवेश दिया जा रहा है।

    मास्क ना लगाने पर जुर्माना

    ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी लीना बनसोड ने कड़े कदम उठाए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंदराव पिंगले ने बताया कि मास्क ना लगाने वाले कर्मचारियों पर भी 1000 रुपए जुर्माना लगाया जा रहा है।

    टीकाकरण केंद्र का विस्तार करें

    जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार को कोविड टीकाकरण किया जा रहा है। संक्रमण की बढ़ती घटनाओं के कारण नागरिकों में भय का माहौल है। इसलिए टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। अध्यक्ष बालासाहेब क्षीरसागर ने ऐसा सुझाव इसे मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दिया है।