हिंदू महिला का मुस्लिम युवकों ने किया अंतिम संस्कार

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    सटाणा. सटाणा तहसील (Satana Tehsil) के जयखेड़ा में एक बुजुर्ग हिंदू (Hindu) महिला की मौत के बाद मुस्लिम समुदाय के युवाओं ने अंतिम संस्कार (Funeral) के लिए पहल की और हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की। आज की विकट स्थिति में गांव के मुस्लिम युवक महिला के इकलौते बेटे की मदद के लिए दौड़े और उसे सहारा दिया। इसके अलावा उन्होंने हिंदू धर्म की पद्धति के अनुसार दाह संस्कार करके समाज के सामने एक मिसाल पेश की। 

    कोरोना डर और सावधानी न केवल पड़ोसियों बल्कि करीबी रिश्तेदारों को भी अंतिम संस्कार में आने से रोक रही है। ऐसे में मानवता और कर्तव्य को श्रद्धांजलि देने का दुर्भाग्यपूर्ण समय आ गया है। अंतिम संस्कार जुलूस आसान हो रहा है क्योंकि कुछ स्वर्गदूत ऐसी दुखद स्थिति में मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं। जयखेड़ा की एक 72 वर्षीय महिला का शनिवार को निधन हो गया। लॉकडाउन के कारण रिश्तेदारों के लिए अंतिम संस्कार में शामिल होना असंभव था।

    क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही यह घटना

    कोरोना के डर से स्थानीय रिश्तेदारों ने भी इससे मुंह मोड़ लिया। माँ के अंतिम संस्कार का दुर्भाग्यपूर्ण अवसर अकेले बेटे पर आ गया। इस मौके पर मसूद पठान, फिरोज पठान, कामिल शेख, एखलाख पठान, मजहर पठान, शेर खान पठान, सत्तार शेख, मुजाहिद सैयद, मोसिन शेख, मूसा पठान, अरबाज पठान, सरफराज शाह, जयखेड़ा पुलिस नाइक सुनील पाटिल, राजेश साल्वे मुस्लिम समुदाय के पंचायत सदस्य, कर्मचारी हरिभाऊ शेवाले ने महिला के अंतिम संस्कार के लिए पहल की। कोरोना के कारण लोगों की मृत्यु के बावजूद इन युवाओं ने अपने कार्यों के माध्यम से दिखाया कि मानवता अभी भी जीवित है। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।