मालेगांव. राज्य सरकार ने 2014 में मुसलमानों को शिक्षा और नौकरियों में 5 प्रश आरक्षण देने का अध्यादेश पारित किया था. उसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में कुछ लोगों ने याचिका दाखिल की थी. न्यायालय ने आरक्षण तो कायम रखा लेकिन अभी तक मुसलमानों को 5 प्रश आरक्षण नहीं मिला है. संबंधित अध्यादेश के कानून में रूपांतर के लिये विधि मंडल की दोनों सभाओं में विधेयक पर सहमति होना जरूरी है.
दिसंबर 2014 के मानसून सत्र में विधेयक पर सहमति न होने से मुसलमानों का आरक्षण रद्द कर दिया गया. महाविकास आघाडी मुसलमानों के आरक्षण को लेकर फिर से विचार करें. ऐसी मांग मालेगांव मध्य कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ शेख ने बुधवार को मुंबई में सहायता व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार से मुलाकात की और उन्हें मांग का ज्ञापन दिया. ज्ञापन में मराठा समाज के आरक्षण को भी मुस्लिम रिजर्वेशन फॅडरेशन का साथ है, ऐसा ज्ञापन में कहा गया है.