राजनीति के कारण बंद हुआ उत्तर महाराष्ट्र के सबसे बड़े कोविड केअर सेंटर का काम

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मालेगांव. शहर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखकर मनपा प्रशासन ने शहर के रिलायबल खुले मैदान पर 5 हजार बेड के कोविड केअर सेंटर का निर्माण शुरू किया था, लेकिन इस सेंटर को लेकर विविध चर्चा, तर्क-वितर्क और राजनीति शुरू हो गई है. मनपा के सत्ताधारी और विरोधियों ने भी विरोध किया. इसके बाद मनपा प्रशासन ने उत्तर महाराष्ट्र के सबसे बड़े इस कोविड सेंटर का काम बंद कर दिया.

अब इस कार्य का प्रस्ताव सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा

इस कार्य का प्रस्ताव सरकार के सामने पेश किया जाएगा. यह जानकारी मनपा आयुक्त दीपक कासार ने दी. कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन अलग-अलग उपाय योजना कर रहा है. वर्तमान में करिब 20 से अधिक क्वारंटाइन सेंटर शुरू हैं. यहां इलाज लेने वालों के लिए सुविधा उपलब्ध प्रशासकीय यंत्रणा पर्याप्त साबित नहीं हो रही है. इस संदर्भ में कई मरीजों ने शिकायतें की थीं. आखिरकार मनपा प्रशासन व पदाधिकारियों की चर्चा के बाद खुले मैदान में उत्तर महाराष्ट्र का सबसे बड़ा कोविड केअर सेंटर निर्माण करने का प्रयास शुरू हुआ था. इसके लिए मिल्लत मदरसा मैदान व रिलाय बल मैदान के दो प्रस्ताव सामने आए. दरमियान इस सेंटर को लेकर शहर में अलग-अलग चर्चा शुरू हुई. साथ ही इस सेंटर में भ्रष्टाचार का फंडा होने का आरोप विरोधियों ने किया.

सत्ताधारी कांग्रेस ने भी विरोध किया

शुरुआत में इस सेंटर का समर्थन करने वाले सत्ताधारी कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया. इसके बाद महापालिका प्रशासन की समस्या में इजाफा हुआ. एक ओर विरोध शुरू होने के बावजूद मनपा आयुक्त दीपक कासार ने कोरोना नियंत्रित करने के लिए सेंटर निर्माण होने पर सेवा सुविधा केंद्रीकरण होने व योग्य तरीके से इलाज संभव होने की संभावना से इस सेंटर के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन इस सेंटर को लेकर टिप्पणी शुरू होने के बाद इस पर ब्रेक लगा. मनपा प्रशासन ने अत्यावश्यक काम में इसकी शुरुआत की थी.

सरकार दरबार में तय होगा सेंटर का भविष्य 

अब इस कार्य का प्रस्ताव सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, सरकार ने इसे मंजूरी देने के बाद वह कार्यान्वित होगा. इसलिए अब इस सेंटर का भविष्य सरकार दरबार में तय होगा. इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए मनपा आयुक्त दीपक कासार ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखकर मरीजों को सभी सुविधायुक्त इलाज देना जरूरी है. इसलिए कोविड सेंटर निर्माण करने का कार्य शुरू किया था, लेकिन उसे होने वाला विरोध दुर्भाग्यपूर्ण है. अब इस मामले में सरकार निर्णय लेगी.

बिना वजह खर्च का आरोप

विरोधियों ने शहर में बिना मूल्य इमारत उपलब्ध शुरू होने के बावजूद मनपा प्रशासन राजनीतिक दबाव में खर्च करने का आरोप लगाया था. नगरसेवक मुस्तकिन ने आयुक्त को पत्र देकर सेंटर पर खर्च करने के बजाए शहर के सरकारी अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने की मांग की थी. महापौर ताहेरा शेख, पूर्व महापौर रशीद शेख, पूर्व विधायक आसिफ शेख ने इसका विरोध किया था.