सातपुर. इस साल होने वाली बारिश (Rain) के कारण शहर (City) में स्थित जर्जर और कच्चे मकान टूटकर गिर ना जाए और वहां रहने वाले निवासियों को किसी प्रकार की कोई क्षति ना हो इसके लिए नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) सातपुर विभागीय अधिकारी नितिन नेर ने सातपुर वार्ड में नदी किनारे 61 जर्जर घरों और 342 कच्चे मकानों को नोटिस जारी किया है।
महाराष्ट्र प्रांतीय निगम अधिनियम के तहत जिस क्षेत्र में नोटिस (Notice) जारी किया गया है, वहां के घर खतरनाक हैं और बारिश के मौसम में दुर्घटनाएं होने की संभावना है। इन मकान मालिकों को मकानों को गिरा देना चाहिए। किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर संबंधित मकान मालिक जिम्मेदार होंगे।
बचाव और सुरक्षा प्रदान करने अलग-अलग टीमें गठित
गांव की बस्ती वाले क्षेत्र में पुराने घरों के साथ-साथ खतरनाक स्थिति में घरों के ढहने और मानसून के दौरान दुर्घटना होने का खतरा होता है। सातपुर गांव, पिंपलगांव बहुला गांव, गंगापुर गांव और चुंचले में 61 घरों को नोटिस जारी किया गया है। संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए गंगापुर, पीपलगांव बहुला, सातपुर गांव को राहत, बचाव और सुरक्षा प्रदान करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। इस बीच, गोदावरी और नंदिनी नदियों और बाढ़ क्षेत्रों के निवासियों को सावधान रहना चाहिए और संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। इस संबंध में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ से तत्काल संपर्क किया जाए।
निवासियों को स्कूलों में स्थानांतरित करने की योजना
सातपुर विभाग द्वारा एहतियात के तौर पर गोदावरी और नंदिनी (नासरडी) नदियों के 342 निवासियों को एहतियात के तौर पर नोटिस जारी किया गया है। बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के निवासियों को स्कूलों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई गई है। बरसात के मौसम में बाढ़ की संभावना को देखते हुए राहत, बचाव और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सातपुर, गंगापुर, पिंपलगांव बहुला, आपातकालीन संभागीय कार्यालयों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। विभागीय अधिकारी नितिन नेर ने किनारों पर रहने वाले निवासियों से अपील की है कि वे बाढ़ या आपात स्थिति में संभागीय कार्यालय में संपर्क कर तत्काल लाभ उठाएं।