Only 57 percent water left in dams

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    नाशिक. मार्च के मध्य में तेज गर्मी की शुरुआत के कारण नाशिक जिले (Nashik District) के ग्रामीण इलाकों (Rural Areas) में सूखे जैसी स्थिति बन रही है। क्षेत्र में पीने के पानी (Drinking Water) की मांग (Demand) बढ़ रही है। इसके चलते जल संसाधन विभाग ने भी रबी की बुवाई के साथ पीने के पानी के लिए निश्चित योजना बनाना शुरू कर दिया है। पानी की कमी की यह स्थिति निराशाजनक है। इस साल जिले में पानी का भंडारण पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी कम है। हालांकि इस साल सूखा नहीं पड़ा है, लेकिन पिछले साल जिले के बांधों में पानी की मात्रा 66 फीसदी थी। इस साल 10 मार्च तक स्टॉक केवल 57 प्रतिशत ही रह गया है। ऐसे में पानी का किफायती उपयोग अभी से आवश्यक हो गया है।

    पिछले साल जिले में औसत से 108 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी। कई बांध 100 प्रतिशत नहीं भर सके। मानसून के मौसम के अंत तक जिले में 96 प्रतिशत पानी बांधों में उपलब्ध था। 2019-20 में सितंबर के अंत में बांधों में 99 प्रतिशत पानी उपलब्ध था। दूसरे शब्दों में 2019-20 की तुलना में पिछले साल के पानी का भंडारण केवल 3 प्रतिशत कम था। इस साल बांधों में 57% पानी का भंडारण है। जिले में चल रही रबी की बुवाई और पेयजल की मांग के कारण, कई बांधों में पानी तेजी से घट रहा है। वर्तमान में जिले की 24 प्रतिशत छोटी और बड़ी परियोजनाओं में 57 प्रतिशत पानी है। यह पिछले साल के 66 प्रतिशत से 9 प्रश कम है। इसके अलावा जैसे ही गर्मी तेज होती है, पेयजल के लिए योजनाबद्ध आपूर्ति बांध से जारी की जाएगी, जो प्रति दिन कम होगी। 

    मौसम विभाग ने भीषण गर्मी की चेतावनी दी है 

    मौसम विभाग ने इस साल भीषण गर्मी की चेतावनी दी है। इसका अनुभव भी होने लगा है और संकेत है कि कड़ी धूप के कारण नदियां सूख सकती हैं, इसलिए आने वाले समय में पानी की मांग बढ़ेगी। पिछले साल की संतोषजनक बारिश से जिले में सूखा नहीं पड़ा, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पानी की बढ़ती जरूरत और कमी को देखते हुए अब से पानी का इस्तेमाल कम से कम किया जाना चाहिए।