- स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. रामास्वामी एन. ने दिया आदेश
- योग कक्षाओं जैसी गतिविधियां भी चलाएं
नाशिक. 1 से 4 बजे तक सिविल अस्पतालों (Civil hospitals) सहित सभी सरकारी अस्पतालों (Government hospitals) में विशेष बाहरी पेशेंट विभाग चालू रखने का आदेश स्वास्थ्य सेवा आयुक्त डॉ. रामास्वामी एन. (Health Services Commissioner Dr. Ramaswamy N.) ने दिया है। साथ ही योग कक्षाओं जैसी गतिविधियों को भी चलाने को कहा है। सोमवार और शनिवार को सार्वजनिक अवकाशों के अलावा जिला सर्जन के साथ जिला चिकित्सा अधिकारियों को बाहरी पेशेंट विभाग को खुले रखने को कहा है। इससे गांवों से सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
सभी नहीं करा सकते निजी अस्पतालों में महंगा इलाज
कई लोग निजी अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते। ऐसे गरीब मरीजों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सरकारी अस्पतालों जैसे सिविल अस्पतालों में जाना पड़ता है। सार्वजनिक अवकाश पर कई सरकारी अस्पतालों में बाहरी पेशेंट विभाग बंद रहते हैं। लेकिन अब अगर सोमवार या शनिवार को सरकारी छुट्टी होती है, तो बाहरी पेशेंट विभाग को उस दिन भी विभाग जारी रखना होगा। रामास्वामी ने यह निर्देश राज्य के सभी जिला सर्जनों को दिया है।
सभी सरकारी अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा लागू
यह निर्देश सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, विभिन्न सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य टीमों के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग पर लागू होगा। साथ ही साथ स्वास्थ्य वर्धिनी केंद्र पर भी, जहां इसे तत्काल लागू करने का निर्देश दिया गया है।
केस पेपर लेने वालों का उसी दिन इलाज
- बाहरी पेशेंट डिपार्टमेंट का समय सुबह 8.30 से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम 4 से 6 बजे तक होगा।
- सोमवार और शनिवार को सार्वजनिक अवकाश होने पर भी बाहरी पेशेंट विभाग खुला रहेगा।
- दोपहर 1 से 4 बजे तक अस्पतालों में विशेष बाह्य रोगी विभाग और साथ ही योग कक्षाओं जैसी गतिविधियों का संचालन करें।
- शनिवार दोपहर को ओपीडी बंद रहेगी।
- उन लोगों को उसी दिन सेवा प्रदान करना अनिवार्य होगा, जिन्होंने दोपहर के 12.30 बजे से पहले और शाम को 6 बजे से पहले केस पेपर ले लेगा।
- यदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में केवल एक चिकित्सा अधिकारी है, तो दोपहर को ओपीडी बंद रहेगी।
- स्वास्थ्य वृद्धि केंद्रों में दोपहर ओपीडी बंद रहेगी।