Oxygen plant to be built in JNPT
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    नाशिक. कोरोना पीड़ितों (Corona Victims) के लिए ऑक्सीजन (Oxygen) तुरंत मिले इसलिए जिले में कुल 32 जगह पर ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plants) बनाने का नियोजन किया गया है। परंतु प्रत्यक्ष में जिला सरकारी अस्पताल (District Government Hospital) छोड़कर अन्य 31 जगह पर प्लांट का कामकाज अब तक शुरू नहीं हो पाया या फिर अधूरा है। जिस वजह से  ग्रामीण क्षेत्र (Rural Areas) में ऑक्सीजन टंकी को लेकर उदासीनता दिखाई दे रही है।

    कोरोना पीड़तों की स्थिति खराब होने पर उन्हें कृत्रिम प्राणवायू आवश्यक होता है। कोरोना की दुसरी लहर में ऑक्सीजन के अभाव से कई कोरोना पीड़ितों की मौत हुई। ऑक्सीजन किल्लत के चलते मरीजों के रिश्तेदारों को काफी कठनाईयों का सामना करना पड़ा, जिसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने अस्पताल में कायम स्वरुपी ऑक्सीजन प्लांट बनाने का निर्णय लिया। सेंट्रल ने ऑक्सीजन लाईन बिछाने की शुरुआत भी की। जिसके तहत जिला सरकारी अस्पताल में 20 केएल क्षमता की टंकी बिठाई गई। इसके माध्यम से अस्पताल के मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करना आसान होगा। परंतु जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्र में कुछ प्रस्तावित होने वाले ऑक्सीजन के प्लांट का काम अधूरा है, तो कुछ जगह पर आज भी काम शुरू नहीं हो पाया है। इसके चलते इन क्षेत्र में आज भी खतरा कायम है। 

    कोरोना संक्रमण के चलते जिले में सर्वाधिक मरीजों की मौत ग्रामीण क्षेत्र हुई है। पंरतु वहां पर ऑक्सीजन प्लांट का काम पूरा  न होने से भविष्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर लोगों को फिर से दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता  है। ऑक्सीजन न होने से मरीजों को शहर के अस्पताल में भेजने से शहर में बेड की किल्लत महसूस होती है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में ही सभी सुविधा उपलब्ध की गई तो मरीजों की जान बचाने के साथ प्रशासन पर होने वाला तनाव भी कम होगा। 

    12 प्रास्तावित जगह का साहित्य उपलब्ध हुआ है,12 जगह का साहित्य आगामी 10 दिनों में आने वाला है। 15 अगस्त तक सभी जगह पर ऑक्सीजन प्लांट बनाकर जांच की जाएगी। अगस्त आखिर तक जिले के ऑक्सीजन प्लांट शुरू होंगे।

    - डॉ. अशोक थोरात, जिला शल्यचिकित्सक, जिला सरकारी अस्पताल