आरोग्य सेतु एप को लेकर लोगों में रुचि नहीं

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ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही अनदेखी 

स्वास्थ्य विभाग भी बना उदासीन

 साक्री. ग्रामीण परिसर के लोग आरोग्य सेतु ऐप का लाभ  नहीं उठा रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी इसके इस्तेमाल में कोई रुचि नहीं ली जा रही है. कोरोना संक्रमित संदिग्ध और रोगी अस्पताल में दाखिल किए जाते हैं, किसी की मृत्यु होती है, कई स्वस्थ होकर घर वापसी करते हैं. लेकिन इनमें से किसी की भी सूचना अद्यतन नहीं हो रही है. जिसके चलते ऐप के इस्तेमाल का आग्रह करने वाले ही इसके मूल उद्देश्य को सफल नहीं होने दे रहे हैं.

मांग की जा रही है कि आरोग्य सेतु ऐप पर हर नए संदिग्ध या रोगी की जानकारी अद्यतन की जाए, ताकि लोग इस ऐप की मदद से तत्काल जान जाएं. अपने इर्दगिर्द का माहौल कितना सुरक्षित है.जिले भर में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. इस प्रकोप की महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत मायने रखता है. अपने परिसर या गली मोहल्ले में कौन संक्रमित है या क्वारन्टाइन है, जैसी जानकारी अपने आप में काफी सहायक है. यही जानकारी केंद्र सरकार की ओर से जारी ‘आरोग्य सेतु’ ऐप देता है. 

स्वास्थ्य की गतिविधियों की जानकारी

अगर ऐप में जानकारी को तुरंत साझा की जाती है. ऐप में स्वयं परीक्षा की प्रश्नोत्तरी दी हुई है. जिसका परिणाम बता देता है, कि आप कितने सुरक्षित हों. लेकिन इसका सही सफर तब शुरू होगा, जब स्वास्थ्य विभाग किसी व्यक्ति को क्वारन्टाइन करता है, स्वैब जांच करता है, परिणाम पॉजिटिव रहा या निगेटिव, इलाज चल रहा है व आखिर घर वापसी की गई आदि सब सूचनाएं स्वास्थ्य विभाग के पास रहती है. आवश्यकता है कि इस जानकारी को ऐप में डालना. जिसके चलते कहां खतरा है, कहां नहीं की सूचना आम आरोग्य सेतु उपयोगकर्ता को जब चाहे तब हासिल होगी. बड़ी संख्या में लोगों के पास अब स्मार्ट फोन मौजूद हैं. जिसकी मदद से वे जानकारी, सूचनाएं अपलोड करते हैं, बैंक के लेन-देन, सोशल मीडिया में  संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं, अनेक ऐप की सुविधाएं इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में आरोग्य सेतु की अनदेखी करना समझ से परे है.

इलाके के मरीजों की नहीं मिलती सूचना

आरोग्य सेतु में सूचना अपलोड और लोगों द्वारा इस्तेमाल शहरों में होता होगा. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रयोग नहीं के बराबर है. क्योंकि सेतु से अपने इलाके की कोई सूचना लोगों को नहीं मिल रही है.अपेक्षा है कि कोरोना प्रकोप से संक्रमित और मुक्त दोनों की सही और तत्काल जानकारी ऐप में स्वास्थ्य विभाग या किसी विशेष विभाग को दी जाए, जो समय पर इसे जनता की मदद के लिए  घटना के अगले ही क्षण पंजीकृत  तथा ऐप में अपलोड भी करें. कोरोना संक्रमित संदिग्ध और रोगी के (या एक ही घर में रहनेवाले परिजन के) स्मार्टफोन में आरोग्य सेतु को रोगी की सूचना के साथ अनिवार्य रूप से या कहें बलपूर्वक, स्थापित करें. इस की जरूरत तथा उपयोगिता को शायद ही कोई मनाही करेगा.