Political eclipse on Nashik Neo Metro, Mahavikas accident became speed breaker
File photo

Loading

नाशिक. देश के पहले हाइस्पीड टायरबेस्ड एलिवेटेड नाशिक नियो मेट्रो प्रकल्प (Nashik Neo Metro Project) में राज्य में सत्तासीन महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi) स्पीड ब्रेकर का काम कर रही है। राज्य में तेज रफ्तार से विकसित होने वाले शहर में नाशिक शहर (Nashik city) का नाम शामिल है, जिसमें आगामी 30-40 वर्ष में होने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए विविध मूलभूत योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।

इसके तहत अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करने के लिए नाशिक नियो मेट्रो प्रकल्प (Nashik Neo Metro Project) समय की जरूरत है। ऐसा होने के बाद भी इस अत्याधुनिक प्रकल्प में राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार स्पीड ब्रेकर का काम कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडवणीस (Former Chief Minister Devendra Fadvanis) द्वारा मंजूर किए गए इस प्रकल्प को महाविकास आघाड़ी ने रेड सिग्नल दिखाया।

शहर विकास में राजनीति न हो ऐसे कहने वाले राजनीतिक नेता का दूसरा रूप इस प्रकल्प के माध्यम से सामने आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने 5 अक्टूबर 2018 को विभागीय आयुक्तालय में हुई बैठक में नाशिक में मेट्रो शुरू करने की घोषणा की थी। कुछ दिनों के बाद नाशिक में नियो मेट्रो को राज्य सरकार ने नवंबर 2018 को मंजूरी दी। इसके बाद शहर में मेट्रो के सर्वेक्षण का काम सिडको और महामेट्रो ने किया। नाशिक में सड़कों पर 20 हजार से अधिक यात्रियों की संख्या न होने से शुरुआत में इस प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी गई। बाद में महामेट्रो ने शहर में मेट्रो के बजाए एलिवेटेड टायरबेस मेट्रो चलाने की सिफारिश की।

इसके तहत टायरबेस मेट्रो सेवा शुरू करने के लिए सर्वेक्षण का काम दिल्ली के राइट्स कंपनी को दिया गया। इसके बाद प्रकल्प का प्रस्ताव तैयार कर उसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया, जिसमें होने वाली खामियों को हल करने के लिए राज्य सरकार के पास फाइल भेजी गई। परंतु पिछले 8-9 माह से राज्य सरकार द्वारा फाइल को दबाकर रखने का आरोप हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने नाशिक दौरे में किया। यह प्रकल्प भाजपा के माध्यम से मंजूर होने से उसे शिवसेना ने रोक दिया है।

इसके चलते नियोजित नाशिक नियो मेट्रो को ब्रेक लग गया है। महायुति की जब राज्य में सत्ता थी तब भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडवणीस ने नाशिक की यातायात व्यवस्था का सर्वे करने के बाद नाशिक में मेट्रो प्रकल्प को मंजूरी दी थी। पिछले साल राज्य की सत्ता में सत्ताच्यूत हुए और महाविकास आघाड़ी की सत्ता आई। इसके बाद उन्होंने पूर्व सरकार (फडवणीस) द्वारा मंजूर किए गए अनेक योजना बंद करते हुए प्रकल्पों को रोक दिया। इसमें नाशिक नियो मेट्रो शामिल है। 

राज्य में राजनीतिक दलों के नेताओं ने कई बार विकास में राजनीति न करने की बात की, परंतु शहर के विकास को प्राथमिकता देते समय विरोध के रूप में सत्ताधारियों के सामने खड़े होने का आश्वासन देते हैं। परंतु पिछले एक साल में पिछले सरकार के अनेक प्रकल्प रोक दिए हैं। एक ओर राजनीतिक नेता विकास में राजनीति न करने की बात करते हैं तो दूसरी ओर नाशिक सहित अन्य शहरों के प्रकल्प रोकते हैं। इससे राजनीतिक नेताओं की दोहरी भूमिका स्पष्ट होती है। नाशिक शहर की नियोजित नियो मेट्रो में दोहरी भूमिका रखने वाले नेता स्पीड ब्रेकर बने हुए हैं।