साक्री के सभी मंडलों में झमाझम बारिश

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साक्री. तहसील के सभी मंडल क्षेत्रों में शनिवार रात को हुई धुआंधार बारिश ने परिसर को भिगो के रख दिया. लगभग 37 मिमी बारिश का औसत रहा. साक्री तथा काटवान परिसर में अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा झमाझम बारिश हुई. फसल कटाई के लिए तैयार है और आखिरी चरण में है. इसी बारिश की किसानों को प्रतीक्षा थी. बारिश रात में हुई जिसके चलते खेत-खलिहानों में मक्का, प्याज, मूंगफली और दलहन जैसी काट कर पड़ी फसल के नुकसान का अंदेशा है, जिसका अभी आंकलन नहीं हो सका है. 

राजस्व विभाग के मानक के हिसाब से अतिवृष्टि और असामयिक बारिश नहीं होने से कोई नुकसान का मसला भी नहीं बनता. वैसे विगत हफ्ते काटवान परिसर में हुई तूफानी बारिश से हुए नुकसान के पंचनामे विभाग द्वारा कराए गए हैं. ऐसी जानकारी नायब तहसीलदार डॉ.अंगद आसटकर ने दी है.

कुछ हिस्सों में था बारिश का इंतजार

विगत दो हफ़्तों से, कुछ हिस्सों में हुई तूफानी बारिश के अलावा अन्य क्षेत्रों में बारिश की जरूरत महसूस की जा रही थी. इस बारिश से किसानों में खुशी का माहौल है. लोगों को विगत कुछ दिनों से हो रही गर्मी से उपजी भारी उमस से राहत मिली है. परिसर के हर मंडल क्षेत्र में हुई बरसात से नदी-नालें प्रवाहित हुए हैं. परिणामस्वरूप भूगर्भ में जानकारों की मानें तो जलस्तर बढ़ने का लाभ मिलेगा. अभी मक्का, मूंगफली, सोयाबीन, बाजरा, ज्वार और दलहन की फसलें बिल्कुल तैयार है. जिन्होंने पहले बुआई करनेवाले किसानों ने फसल भी काट ली है. किंतु फसल काट कर पड़ी है और अभी उसको सुधारना शेष है. ऐसे किसानों की फसल खेत-खलिहान में खुले आसमान के नीचे अगर पड़ी है तो बारिश की चपेट में आकर उसका नुकसान तय है.

फसलों का हुआ था नुकसान

बीते हफ्ते कासारे, म्हसदी परिसर के बीचवाले हिस्से में बेहेड, नाडसे, छाईल पट्टे में फसल, पालतू जानवर और छायागृहों (शेडनेट) का नुकसान हुआ था. उसके पहले विगत पखवाड़े में पश्चिमी पट्टे के हिस्से में उंभरे, उंभर्टी, देगांव परिसर में भारी बारिश ने ऐसा ही तहलका मचाते हुए इसी तरीके से किसानों की फसल, पालतू जानवर और खेती में प्रयुक्त शेडनेट और खेती साधनों को नुकसान पहुंचाया. दोनों ही जगह सांसद डॉ. हिना गावित, विधायक मंजुला गावित तथा सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने निरीक्षण किया. जिसके चलते राजस्व विभाग को हुए नुकसान का आकलन और पंचनामे करने पड़े.