Rajendra Tajne absconding for 3 weeks, questions raised

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    नाशिक. नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के बिटको अस्पताल (Bitco Hospital) में सीधे गाड़ी घुसाकर तोड़फोड़ और कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा और धमकी देने के मामले में नगरसेविका डॉ. सीमा ताजणे (Corporator Dr. Seema Tajne) के पति राजेंद्र ताजणे 3 सप्ताह से फरार हैं।

    आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के कार्यकर्ता रोहन देशपांडे को केवल दो ही दिनों में पुणे से ढूंढकर लाने वाली नाशिक पुलिस को ताजणे क्यों नहीं मिल रहे हैं, इस बात को लेकर शहर में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। समझा जा रहा है कि ताजणे को राजनीतिक आश्रय दिया जा रहा है इसीलिए पुलिस ताजणे पर कार्रवाई नहीं कर रही है।

    गंभीर धाराओं में दर्ज है मुकदमा

    बिटको अस्पताल में मरीजों को सही तरीके से इलाज नहीं किया जा रहा है, ऐसा कहते हुए ताजणे ने बिटको अस्पताल में सीधे अपनी इनोवा कार अस्पताल के अंदर घुसा दी थी। वहां तोडफोड़ कर के अस्पताल में मौजूद लोगों में दहशत फैलाने का काम ताजणे द्वारा किया गया था। इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए ताजणे पर भादंवि की धारा 353, 336, 323, 504, 506, 427, 188 सहित सरकारी सम्पत्ति का नुकसान प्रतिबंधित कानून 1984 की धारा 3, महाराष्ट्र चिकित्सा सेवा व्यक्ति और संस्था हिंसक कृति कानून 2010 की कलम 4, और कानून 20 की कलम 3 और 6 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। सरकारी कार्यों में बाधा डालने के साथ विभिन्न प्रकार के गंभीर मुकदमे दाखिल होने के बाद ताजणे फरार हैं। बाद में ताजणे ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर अपनी सफाई में बात रखी, लेकिन पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गये। इस घटना को आज 3 सप्ताह हो गए लेकिन ताजणे आज तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। ताजणे पर इसके पहले भी अनेक मुकदमें दाखिल किए गए हैं।

    ताजणे को राकांपा का सहारा?

    ताजणे भाजपा से संबंधित है फिर भी वह पहले से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं का सहारा पाता रहा है। इस घटना के बाद ताजणे ने भाजपा के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से भी संपर्क किया है ऐसी चर्चा शहर में हो रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नेता से उसने आश्रय मांगा है, ऐसा माना जा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पक्ष राज्य में सत्ता में है, गृह मंत्रालय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास है इसलिए ताजणे को राजनीतिक आश्रय मिला होगा। ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारों में सुनाई दे रही है। भाजपा से संबंधित नगरसेवक होने के कारण राष्ट्रवादी को भाजपा विरोध में प्रचार करने का मौका मिला था लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की इस विषय पर चुप्पी आश्चर्यजनक है।

     देशपांडे मिल सकता है तो ताजणे क्यों नहीं?

    ‘आप’ के रोहन देशपांडे को पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उसे सीधे देहू जाकर उसकी तलाश करके उसका पता लगाया और हिरासत में लेने की कार्रवाई की। दूसरी ओर देशपांडे से भी अधिक गंभीर मामले में आरोपी ताजणे पुलिस को अभी तक क्यों नहीं मिल सका है, इस बात को लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है। पुलिस देशपांडे को ढूंढ सकती है तो ताजणे को क्यों नहीं ऐसा सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है।