सड़कें गड्ढों में तब्दील, भाजपा ने किया रास्ता रोको आंदोलन

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  • नेशनल हाईवे अथॉरिटी की उदासीनता

साक्री. नेशनल हाईवे अथॉरिटी की उदासीनता के चलते नागपुर-सूरत महामार्ग की हालत जानलेवा हो गई है. सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है, कई स्थानों पर गड्ढों में सड़क हो गई है जिसके चलते भारी वाहन महामार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. प्रशासन है कि कुंभकर्णी नींद से जागने का नाम नहीं ले रहा है. बेडकी पाड़ा से लेकर फागना तक सड़क निर्माण में करोड़ों रुपए का नुकसान और घपला होने का आरोप लगाते हुए नवापुर के विधायक शिरीष नाईक ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से की थी. लॉकडाउन के बाद भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी विभाग मूर्छित अवस्था में है, जिसका फायदा उठाकर संबंधित ठेकेदार कछुआ गति से कार्य कर रहा है. वह भी गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हो रहे हैं.

पानी में बहे सरकार के करोड़ों के फंड

जलगांव, धुलिया, नंदुरबार ज़िले में नेशनल हाईवे अथॉरिटी की उदासीनता के कारण सरकार का करोड़ों रुपए का फंड पानी में बह गया है. सूरत-नागपुर महामार्ग को कछुआ गति से तीनों ज़िले में पूरा कराया जा रहा है. 2 साल से बंद पड़े सड़क मार्ग कार्य शुरू कराया गया तो पहली बारिश में करोड़ों रुपए की सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ पानी में बह गई. सूरत-नागपुर राष्ट्रीय महामार्ग के हालात भी संतोष जनक नहीं है. चार मार्गों (फोरलेन) वाली परियोजना अपना काम आधा छोड़कर फिलहाल ठंडे बस्ते में पड़ी है. जिसके चलते महामार्ग किसी दुर्घटना का कारण बन सकता है. इतना खतरनाक हो गया है. इसी महामार्ग पर स्थित अनेक पुलिया जर्जर अवस्था में हैं. पुलिया की सुरक्षा दीवारें नदारद हैं.

घंटे भर बंद रही यातायात

नंदुरबार रास्ते पर तहसील के ही अंतर्गत ग्राम छड़वेल-कोर्डे है, वहीं से भीतरी एक सड़क है जो दहिवेल से जा मिलती है. कहने को बड़ी सड़क नहीं है किंतु राज्य और राष्ट्रीय महामार्ग से जाकर मिलती है तथा मालमाथा परिसर की यातायात की जीवनरेखा है. इसी सड़क को लेकर पिंपलनेर मंडलाध्यक्ष मोहन सूर्यवंशी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए. रास्ते को घंटे भर रोके रखा, जिसके कारण यातायात ठप रही.

23 किमी तक उखड़ चुकी है सड़क

बताया जा रहा है कि ये लगभग 23 किमी तक की सड़क क्षतिग्रस्त है, सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. कुछ जगहों पर तो पूरी सड़क ही मानो खोद दी गई है. परिणामस्वरूप वर्तमान में दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई और जानें भी गई हैं.उक्त सड़क पर हो रही दुर्घटना तथा सड़क की सूरत को लेकर लोक निर्माण विभाग को समय-समय पर आगाह भी किया गया. किंतु आज तक सड़क की मरम्मत नहीं हुई है. इसलिए रास्ता रोको का आंदोलन करना पड़ा. कार्यकर्ताओं ने लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर को ज्ञापन देकर जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा ले जाने का आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है.

अधिकारियों के कान पर रेंग नहीं रही जूं

तहसील में राज्य हो या राष्ट्रीय महामार्ग हो लगभग सभी सड़कें वाहन चलाने योग्य नहीं रह गई हैं. राजनीतिक विरोधी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़कों को लेकर सार्वजनिक तंज कसने से लेकर सड़कों पर आकर आंदोलन चलाया और तहसीलदार तथा लोक निर्माण विभाग को ज्ञापन भी दिए. लेकिन किसी के कानों पर जूं नहीं रेंग रही.किंतु लोग इन सड़कों से गुजरते हुए हलाकान हो रहे हैं. सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क बनी है जैसी टिप्पणी की जा रही है.

मनसे ने लगाया था गावित के खिलाफ पोस्टर

कुछ दिन पहले मनसे पार्टी द्वारा सड़क और निर्माण प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष धीरज देसले ने पिंपलनेर के ओर जाने वाली राज्य महामार्ग की सड़क की गंभीर हालात पर विधायक  मंजुला गावित के खिलाफ पोस्टर-बैनर लगाए थे. उक्त सड़क से ही विधायक गावित को अपने पैतृक गांव और अपने बहुसंख्य मतदाताओं को मिलने जाना ही पड़ता है. लेकिन दो महीने के पश्चात भी सड़क के हालात ज्यों की त्यों बने हुए हैं.

पिंपलनेर मंडलाध्यक्ष मोहन सूर्यवंशी, जिला परिषद सदस्य बंडू कुंवर, शैलेंद्र अजगे, वसंतराव बच्छाव, धनंजय घरटे, रामकृष्ण एखंडे, दत्तू बोरसे, रवींद्र चौधरी, संदीप माली, प्रवीण देसले, रामलाल जगमाल, रामलाल जगताप, बाबा पाटिल रावसाहेब खैरनार, केशव  पाटिल, बाबा माली, रामदास पाटिल, हेमंत बच्छाव, रमेश मालचे, कोमल जैन, हीराबाई सोनवणे आदि कार्यकर्ता शामिल हुए.