Father-in-law has encroached, multiplying membership

Loading

नाशिक. अदालत ने भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का उल्लंघन करने के लिए 89 लोगों को सजा सुनाई है. अदालत ने पिछले शनिवार को भी इसी तरह से दंडात्मक कार्रवाई की थी. दोषी नागरिकों से 52,000 रुपये का जुर्माना वसूला गया. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क, सामाजिक दूरी, दुकानों के सामने भीड़, साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित है. हालांकि, जैसे-जैसे कोरोना की शक्ति कम होती जाती है, वैसे-वैसे नागरिकों को इन नियमों की घोर अवहेलना करते पाया जाता है. इस पृष्ठभूमि में पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने मुंबई पुलिस अधिनियम के अनुसार संबंधित नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. शहर पुलिस द्वारा अब तक सैकड़ों लोगों को आरोपित किया गया है. इन मामलों की सुनवाई जिला अदालत की विभिन्न अदालतों में हो रही है.

 73 लापरवाह लोगों पर हुई कार्रवाई

अदालत ने शनिवार (17 अक्टूबर) को 73 लापरवाह लोगों पर कार्रवाई की है. इसके बाद सोमवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश पी. ए राजपूत की अदालत में, जबकि न्यायाधीश टी. एन कादरी की अदालत में 31 लोगों को सजा सुनाई गई. आरोपियों पर प्रत्येक पर 650 रुपये का जुर्माना लगाया गया. सुरक्षित दूरी, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ से बचने, मास्क का उपयोग करने के साथ-साथ थूकने के लिए निषेध आदेश के उल्लंघन के आधार पर कार्रवाई की गई.

धारा 188 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन न्यायधीश एच. यू जोशी के दरबार में, 8 लोगों पर 400 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एस. के. दुगावकर के न्यायालय में, 16 लोगों पर 600 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. बी के. गवांडे की अदालत में, 5 लोगों को दोषी ठहराया गया और प्रत्येक पर 400 रुपये का जुर्माना लगाया गया. एस के ढेकले के दरबार में चार लोगों पर मुकदमा चलाया गया. सभी पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया गया.