वन महोत्सव में रियायती दरों पर पौधों की बिक्री

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पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने वन विभाग की कवायद

प्रभागीय वनाधिकारी नाशिक चंद्रकांत भारमल ने वृक्ष प्रेमियों से की अपील

नाशिक. पर्यावरण में परिवर्तन होने से अत्यधिक तापमान, सूखा, तूफान, भूकंप और सूनामी जैसी प्राकृतिक जैसी आपदाएं आई हैं. यदि यह जारी रहा, तो पृथ्वी का तापमान और बढ़ जाएगा और ओजोन परत नष्ट हो जाएगी. इसलिए पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता है. इसके लिए हमें समय रहते सचेत होने और कुछ उपाय करने की आवश्यकता है. पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने वाले पौधों की रक्षा और पोषण करना आवश्यक है. इस संबंध में सामाजिक वनीकरण विभाग की विभिन्न नर्सरियों में बड़ी संख्या में पौधे उगाए गए हैं. हालांकि इस साल कोरोना के प्रकोप के कारण पौधा उगाने पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है, फिर भी बड़ी संख्या में पौधे तैयार हुए हैं. इनमें आम, चिंच, वड़, पिंपल, जामुन, उंबर, बेल, अमरूद, आंवला, हिरदा, रीठा, शिलारोप अशोक, महारुख, कैलासपति, रुद्राक्ष, बांस, कदम, करंज शामिल हैं. 

हर वर्ष मनाया जाता है वन महोत्सव

हर साल वन महोत्सव मनाया जाता है. इस अवधि के दौरान वृक्षारोपण के लिए रियायती दरों पर पौधों बेचा जाता है. इस वन पर्व के दौरान वृक्षों को रियायती दर पर वृक्षारोपण किया जाता है ताकि वृक्षारोपण को एक सार्वजनिक आयोजन बनाया जा सके और लोगों को वनीकरण के महत्व को भी समझाया जा सके. तदनुसार, सरकार का निर्णय सामाजिक वनीकरण विभाग को हाल ही में प्राप्त हुआ है और रियायती दरों पर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं. राज्य में वर्ष 2017 से 50 करोड़ पेड़ लगाने का कार्यक्रम चलाया गया था.

इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2019-2020 के लिए 33 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इस वृक्षारोपण कार्यक्रम को अखंडित रूप से जारी रखने के लिए स्व. वसंतराव नाईक हरित महाराष्ट्र अभियान के तहत, वन के त्यौहार के दौरान, निजी तौर पर स्वामित्व वाले क्षेत्रों में, रेलवे के दोनों किनारों पर, नहरों के साथ-साथ सड़कों के किनारे, सामूहिक, धान के खेतों, गायरान क्षेत्रों में, निजी बांधों वाले क्षेत्रों को वन महोत्सव के दौरान रियायती दरों पर लगाया जा सकता है. वित्तीय संकट वाले संगठनों को मिलेंगे मुफ्त में पौधे जिला वन अधिकारी चंद्रकांत भारमल ने कहा, अगर किसी भी कार्यालय या सामाजिक संगठन के पास पेड़ लगाने का वित्तीय प्रावधान नहीं है, तो उन्हें फार्म भरकर वन विभाग द्वारा मुफ्त पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. सामाजिक वनीकरण विभाग के वन रेंजर  के मार्गदर्शन में स्थानीय क्षेत्र में वृक्षारोपण करते हुए हम उत्तम प्रकार के वृक्षों का रोपण कर सकते हैं. नाशिक जिले में तहसील निहाय स्थानों में सामाजिक वनीकरण विभाग की नर्सरी हैं. हालांकि, सामाजिक वनीकरण विभाग अधिक से अधिक लोगों, सामाजिक संगठनों से पौधे खरीदने और बड़ी संख्या में पेड़ लगाने की अपील कर रहा है.