धूलिया. शहर की मुख्य सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे (Potholes) हो गए है, जिन्हें माहानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) जान-बूझकर नजरअंदाज कर रहा है। बड़ी दुर्घटना (Major Accident) होने के बाद गढ्ढे भरने की बजाय रास्तों के टेंडर (Tender) निकाल कर करोड़ों रुपए खाने का षडयंत्र होने का आरोप सेना के महानगरप्रमुख मनोज मोरे ने लगाया है।
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने रास्ते पर उतर की गढ्ढे भर कर प्रतिकात्मक आंदोलनही किया। इस अवसर पर शिवसेना के महानगरपालिका सत्ताधारियों ने प्रशासन के विरुद्ध जोरदार घोषणाबाजी की। जिला प्रमुख हिलाल माली, अतुल सोनवणे, किरण जोंधले, प्रफुल पाटिल, बालू अगलेव, संदीप चव्हाण, सचिन बडगुजर, दिनेश पाटिल, कुणाल कांकटे, पुरुषोत्तम जाधव, संजय जावराज, भाटू गवली, पंकज भारस्कर, राजेश पटवारी, योगेश चौधरी आदि उपस्थित थे। मनोज मोरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देवपुर में भूमिगत नाले के कारण सड़क की दशा खराब होती जा रही है।
वहीं शहर में अन्य सड़कों की हालत भी खराब हो गई है। धूलिया शहर के पेठ क्षेत्र, पचकंदिल, कमलाबाई स्कूल परिसर जेल रोड, डॉ. अंबेडकर स्मारक सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में सड़कें गड्ढों में चली गई है। उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं होने पर भी धुलिया शहर में सड़कों की हालत खराब है। बड़े-बड़े गड्ढों से किसी की जान जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। रात के समय कमलाबाई स्कूल के पास एक बाईक सवार जोड़ा गढ्ढे के कारण गिर पड़ा, दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए थे। लेकिन, निगम गड्ढों को भरने पर ध्यान नहीं दे रहा है। 5-10 लाख रुपये में गड्ढे भरे जा सकते हैं।
बड़े हादसे के बाद अखबार में खबर छापी जाएगी और फिर गड्ढों को भरने की जगह सड़क निर्माण का टेंडर जारी किया जाएगा। उस टेंडर के जरिए गड्ढों को भरकर डामर कालीन बिछाया जाएगा। मनोज मोरे ने आरोप लगाया है कि इससे करोड़ों रुपये खर्च हो सकते हैं, इसलिए महानगरपालिका गड्ढों को भरने पर ध्यान नहीं दे रहा है। महानगरपालिका के विरोध में शिवसेना महानगर की ओर से जेल रोड़ पर बने गड्ढों को खुद भर कर सांकेतिक आंदोलन किया गया।