नाशिक. 20 लाख आबादी वाले शहर में अब तक केवल 5 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण (Vaccination) हुआ है, जिसकी रफ्तार काफी धीमी है। टीका लिए 2 लाख 77 हजार 750 नागरिकों में से 1 लाख 92 हजार 309 को दूसरे टीके का इंतजार है। कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) से परेशान हुए नाशिकवासियों के सामने कोरोना की तीसरी लहर का संकट मंडरा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार से पर्याप्त टीका (Vaccine) उपलब्ध न होने से केवल 85,000 नागरिकों को दोनों टीका लगाया जा सका है। नाशिक शहर में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था।
पहले चरण में स्वास्थ्य, कर्मचारी, डॉक्टर सहित अत्यावश्यक सेवा में शामिल नागरिकों का टीकाकरण किया गया। दूसरे चरण में 60 उम्र से अधिक नागरिकों का टीकाकरण किया गया। इस दौरान सरकार ने 45 वर्ष से अधिक नागरिकों के टीकाकरण को अनुमति दी। इसके चलते शहर में 37 निजी व सरकारी टीकाकरण केंद्र पर कोविशील्ड व को-वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है।
टीके के अभाव में बंद हुए केंद्र
रोना की दूसरी लहर से परेशान हुए नाशिकवासियों ने टीकाकरण के लिए भीड़ की। इसके बाद टीके की कमी महसूस हुई और केंद्र बंद हो गए। ऐसे में केंद्र सरकार ने 18 से 44 उम्र के नागरिकों के लिए टीकाकरण शुरू किया।
1,200 टीके मिल रहे प्रतिदिन
20 लाख आबादी वाले नाशिक शहर को हर दिन केवल 1,000 व 1,200 टीके मिल रहे हैं तो दूसरी ओर नागरिक केंद्र पर भीड़ लगा रहे हैं। इसके चलते 18 से 44 उम्र के नागरिकों का टीकाकरण बंद कर दिया गया। अब 45 वर्ष उम्र से अधिक नागरिकों को पहला और दूसरा टीका लगाने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। अब तक मनपा को 3 लाख 49 हजार 720 टीके मिले हैं। इसमें से 2 लाख 77 हजार 750 नागरिकों को पहला टीका तो 85 हजार 441 नागरिकों को दूसरा टीका लगाया गया है। 18 से 44 उम्र के 6,432 नागरिकों को पहला टीका लगा। साथ ही इस उम्र के 70 नागरिकों को दूसरा टीका लगाया गया। इसके बाद टीकाकरण बंद हो गया।