Specialists will be appointed in hospitals

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    मालेगांव. कुछ कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से उबर चुके मरीजों (Patients) में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण ब्लैक फंगस (Black Fungus) नामक एक नई बीमारी फैल रही है। इस बीमारी की सीमा को देखते हुए सरकार ने इसे महात्मा फुले जनारोग्य योजना में शामिल किया है। कृषि और पूर्व सैनिक कल्याण राज्यमंत्री दादा भुसे ने  पोस्ट-कोविड ब्लैक फंगस के इलाज के लिए कान, नाक और गले के विशेषज्ञों की नियुक्ति का आह्वान किया। कोविड के बाद होने वाले ब्लैक फंगस रोग के समाधान पर काम करने के लिए सरकारी विश्राम गृह में एक बैठक आयोजित की गई।

    मंत्री भुसे ने कहा कि कोरोना मरीजों की संख्या कम होने से स्वास्थ्य विभाग को थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब नई बीमारी ब्लैक फंगस के तेजी से फैलने से स्वास्थ्य विभाग को नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना मुक्त हुए मरीजों की प्रतिकारशक्ति कमी हो जाने से ब्लैक फंगस बीमारी होने की संभावना बढ़ गई है। जिन्हें मधुमेह है, जिनकी प्रतिकारशक्ति कम है ऐसे मरीजों को ब्लैक फंगस होने का अधिक खतरा होता है। जिन मरीजों को इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं वह तुरंत फिजिशियन, कान, नाक और आंख के विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क करें जिससे कि समय रहते उनका उपचार किया जा सके।

    तीसरे चरण में बच्चों को अधिक खतरा, बेड बढ़ाएं

    बच्चों के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह अनुमान लगाया जाता है कि तीसरे चरण में छोटे बच्चों को अधिक खतरा होगा। माता-पिता को अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखना होगा और उन्हें घर से बाहर निकलने से रोकना होगा। बाल चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सिलिंडरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। भूसे ने यह भी कहा कि सरकार, नगर निगमों और निजी अस्पतालों को भविष्य में संभावित खतरों की पहचान कर इस बीमारी को खत्म करने की पहल करेगी।

    निजी डॉक्टर प्रशासन की करें मदद

    अतिरिक्त जिला कलेक्टर धनंजय निकम ने स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा स्थापित की जाने वाली बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता बताते हुए कहा कि यदि सभी निजी डॉक्टरों ने सामाजिक जिम्मेदारी के माध्यम से सेवा में योगदान दें तो उन्हें पोस्ट-कोविड ब्लैक फंगस से उबरने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मधुमेह के रोगियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं।

    बैठक में अधिकारियों के साथ मौजूद रहे डॉक्टर्स

    बैठक में उपमहापौर निलेश आहेर, अतिरिक्त जिला अधिकारी धनंजय निकम, उपविभागीय अधिकारी डॉ. विजयानंद शर्मा, सिविल अस्पताल के डॉ. हितेश महाले, महानगरपालिका की चिकित्सा अधिकारी डॉ. सपना ठाकरे, मनोहर बच्छाव, विनोद वाघ, डॉ. जतीन कापडणीस, डॉ. अनिल मुले, डॉ. मनोज  चोपडे, डॉ. पियुष रणभोर, डॉ. पुष्कर आहेर, डॉ. प्रशांत वाघ, डॉ. दत्तात्रय पाटील, डॉ. दर्शन ठाकरे, डॉ. लोथे, डॉ. बोहरा, डॉ. बिह्राडे, डॉ. संदीप ठाकरे, डॉ. अभय पोतदार, डॉ. दिपक पवार, डॉ. धनश्री देवरे, डॉ. आफाक के साथ शहर के सभी बाल रोग, कान, नाक और गले रोग के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।