तेली समाज पिछड़े वर्ग में हो शामिल

  • महाराष्ट्र प्रांतीय तेली महासभा ने की मांग

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येवला. देश में ओबीसी की संख्या 52 फीसदी से अधिक है, लेकिन ओबीसी समुदाय को वे सुविधाएं नहीं मिली हैं जो उसे मिलनी चाहिए. महाराष्ट्र प्रांतीय तेली महासभा ने मांग की है कि जनगणना में ओबीसी की जाति-वार जनगणना सहित ओबीसी समुदाय को सभी लाभ दिए जाने चाहिए. तहसीलदार को दिए गए ज्ञापन में, शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ अपने देश में मौजूद सभी कैडरों के जातिवार रिकॉर्ड के लिए कुल घटक और उसके उप-घटकों का रिकॉर्ड रखें. ओबीसी समुदाय को आरक्षण देते समय अपराधी की स्थिति को शिथिल करने की आवश्यकता है और इसके लिए केंद्र सरकार को समन्वित तरीके से निर्णय लेने की आवश्यकता है.

मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण के माध्यम से जानबूझकर आरक्षण देने की बात की जा रही है. हम किसी भी समुदाय को आरक्षण देते समय ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय नहीं चाहते हैं, हम ओबीसी समुदाय के आरक्षण को धक्का दिए बिना आरक्षण देने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक नेता समुदाय में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. हम सार्वजनिक रूप से उसका विरोध करते हैं.

केंद्र सरकार और राज्य सरकार को सिफारिशों और सकारात्मक विचार के साथ सभी मांगों को उचित तरीके से व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र प्रांतीय तेली महासभा येवला तहसील की ओर से तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा गया है. संतोष मोरे, श्रीकांत मोरे, सुहास घाटकर, सदानंद बागुल, रंगनाथ लुटे, प्रिंसिपल सचिन सोनवणे, प्रो सागर गाडेकर, प्रो. कैलास चौधरी, योगेश सोनवणे आदि उप तहसीलदार राजेंद्र गणपत राउत को वक्तव्य देते समय उपस्थित थे.