नहीं निकला नीलामी का हल

  • दूसरे दिन भी प्याज की खरीदी नहीं

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लासलगांव. व्यवसायी वर्ग की एक बैठक मंगलवार को लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति के परिसर में निफाड सहायक रजिस्ट्रार अभिजीत देशपांडे और मार्केट कमेटी की चेयरपर्सन सुवर्णा जगताप की मौजूदगी में हुई. बैठक में मार्केट कमेटी के सचिव नरेंद्र वाधवने और व्यापारियों ने भाग लिया. लगातार दूसरे दिन लासलगांव बाजार समिति में प्याज की नीलामी नहीं हुई, क्योंकि तब तक कोई नई खरीद नहीं हुई थी, जब तक कि निरबंधगोदर में खरीदे गए प्याज का निपटान नहीं किया गया था. कुछ किसान संगठनों ने मांग की है कि नीलामी को पुनर्निर्धारित किया जाए.

केंद्र सरकार ने खुदरा विक्रेताओं के लिए 2 टन और थोक विक्रेताओं के लिए 25 टन का भंडारण प्रतिबंध लगाया है. वास्तव में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. निर्यात प्रतिबंध, भंडारण सीमा और आयकर छापे पहले की तरह दोहराए गए हैं. लेकिन किसान वह है जो इस सब में फंस जाता है. दिवाली कैसे मनाए जाने का सवाल सामने आया है क्योंकि प्याज की नीलामी रुक गई है, जबकि किसानों को त्योहार के लिए पैसे की जरूरत है. 

मोदी के वादे का क्या हुआः भुजबल

खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि प्याज के मुद्दे पर भारत सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णय महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के किसानों के लिए एक समस्या है. उत्पादन की लागत को दोगुना करने के लिए किसानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे का क्या हुआ? मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मंत्री छगन भुजबल ने यह भी बताया कि उन्होंने शरद पवार के साथ चर्चा की थी. 

गलत नीति से नुकसान

प्याज उत्पादक मंगेश गवली ने कहा कि येवला केंद्र सरकार की गलत नीति के कारण हमारे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. केंद्र सरकार की मदद करना तो दूर, गलत फैसले के कारण प्याज बेचना भी मुश्किल हो गया है. 

कहां बेचें प्याज

वेलपुर के किशोर कुटे ने कहा कि दिवाली जोरों पर है. हम प्याज बेचकर दिवाली मनाना चाहते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बाजार समितियां बंद होती हैं, वैसे-वैसे एक सवाल यह भी है कि प्याज कहां बेचा जाए. 

सरकार अपना निर्णय बदले

सचिन आत्माराम होलकर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्याज भंडारण पर 25 टन की सीमा लगाने का निर्णय इस संबंध में केंद्र सरकार की अज्ञानता को दर्शाता है. यह कैसे किया जा सकता है? यदि बाजार में उच्च प्रवाह है और व्यापारियों की कमी है, तो कई किसानों को नीलामी के बिना घर जाना होगा या अन्य बाजारों में प्याज बेचना होगा. केंद्र सरकार को इस आदेश को तुरंत हटाने की आवश्यकता है.