TOMATO
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  • डेढ़ माह में हुई  225 करोड़ की आमदनी

नाशिक. इस सत्र में दामों में तेजी होने से पिंपलगांव बसवंत मंडी समिति में टमाटर ने इतिहास रचा. डेढ़ माह में टमाटर उत्पादकों ने टमाटर की बिक्री कर 225 करोड़ रुपए कमाए. कोरोना के संकट में टमाटर का उत्पादन करने का निर्णय लेने से उन्हें आर्थिक लाभ हुआ है. अंगूर के सत्र में कोरोना के चलते लॉक डाउन लागू हो गया था. इससे अंगूर उत्पादकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. इसके बाद किसानों ने टमाटर का उत्पादन करने का निर्णय लिया. खेती माल की आपूर्ति के लिए होने वाली श्रृंखला खंडित होने से पिंपलगांव बसवंत मंडी समिति में टमाटर की खरीदी-बिक्री होती है या नहीं? यह डर सता रहा था. परंतु अच्छे दामों से टमाटर खरीदी-बिक्री का शुभारंभ हुआ. टमाटर को औसतन 500 रुपए प्रति कैरेट से अधिक दाम मिले. 

900 रुपए कैरेट तक मिला भाव

अधिकतम 900 रुपए कैरेट तक टमाटर को दाम मिला. इससे करोड़ों रुपए का व्यापार हुआ. दूसरे राज्य की टमाटर फसल का बारिश से बड़े तौर पर नुकसान हुआ. गुवाहाटी, उत्तर प्रदेश, बिहार के साथ महाराष्ट्र के नारायणगांव का पूरा सत्र बर्बाद हो गया. बेंगलुरू, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु से टमाटर कम मात्रा में बाजार में दाखिल हुए. इसके चलते बांगलादेश सहित देश के अंतर्गत टमाटर के आपूर्ति की जिम्मेदारी नाशिक जिले पर आई और दाम भी बढ़ गए. पिछले साल की तुलना में मांग के अनुसार आवक कम हुई. दो दिन में टमाटर की डेढ़ लाख कैरेट की आवक हुई है. पिंपलगांव बसवंत मंडी समिति में डेढ़ माह में टमाटर के माध्यम से बड़े तौर पर व्यापार हुआ है. 700 रुपए प्रति कैरेट का दाम कायम है. अब तक सत्र में 43 लाख कैरेट की आवक होकर किसानों को 225 करोड़ रुपए मिले. 

24 तक प्रति कैरेट 525 रुपए मिला दाम

24 सितंबर तक प्रति कैरेट 525 रुपए दाम मिले. पिंपलगांव बसवंत मंडी समिति के सभापति तथा विधायक दिलीप बनकर ने कहा कि पिंपलगांव बसवंत मंडी समिति में नगद पेमेंट मिलने से नाशिक सहित दूसरे जिले के टमाटर बिक्री के लिए आए. पारदर्शकता से नीलामी होने से किसान पिंपलगांव बसवंत मंडी समिति को पसंद करते हैं.

चांदवड़ तहसील के वडगांव पंगू के किसान गणेश गोजरे ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते मंडी समिति में कामकाज होगा या नहीं? इसका डर सता रहा था. फिर भी दो एकड़ क्षेत्र में टमाटर का उत्पादन किया. दो लाख रुपए खर्च आया. खर्च निकालकर 12 लाख रुपए की आय केवल 4 माह में हुई. इससे बड़ी राहत मिली.