आज भी खुलने के इंतजार में पर्यटन स्थल

  • दुकानदारों पर फाकाकशी की नौबत
  • पर्यटन विभाग बना उदासीन
  • 17 मार्च से अजंता गुफाएं बंद
  • 350 परिवार पर्यटन व्यवसाय पर थे निर्भर

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जलगांव. धार्मिक स्थलों के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी खुलने के संकेत मिल रहे थे. इसी दौरान राज्य सरकार ने दिवाली के अवसर पर धार्मिक स्थलों को खोलने की खबरें दीं. हालांकि, इसमें पर्यटन स्थलों का कोई जिक्र नहीं होने से अब पर्यटन स्थलों के खुलने की संभावनाएं लगभग ख़त्म हो गयी हैं. 

विश्व धरोहर स्थल, अजंता गुफाएं बंद पड़ी हैं. स्थानीय लोगों को पर्यटन स्थल खुलने का आज भी इंतजार है. वहीं दुकानदारों पर फाकाकशी की नौबत आन पड़ी है. जिसकी ओर पर्यटन विभाग ने उदासीनता बरत रखी है. केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय ने देश और विदेश में कोविड वायरस के प्रकोप के कारण विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया. इसके बाद 17 मार्च से विश्व प्रसिद्ध अजंता गुफाओं को बंद कर दिया गया. राज्य सरकार द्वारा राज्य भर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद मंदिरों, पूजा स्थलों, स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया. इसमें ही पर्यटन स्थलों का भी समावेश था.

दोबारा कोरोना का खतरा बढ़ा

अब यह पर्यटन स्थल खोलने की मांग सामने आ ही रही थी कि दोबारा से कोरोना वाइरस का डर सामने आ रहा है. सरकार ने संक्रमण की दूसरी लहर आने की आशंका से सावधानी बरतनी शुरू कर दी है. ऐसे में सरकार और स्थानीय प्रशासन किसी भी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है. विश्व प्रसिद्ध अजंता गुफाओं को बंद हुए लगभग 8 महीने हो चुके हैं. मंदिरों और पूजा स्थलों को खोलने के लिए राज्य में विभिन्न स्थानों पर आंदोलन शुरू हो गए थे, इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि न केवल धार्मिक स्थल, बल्कि पर्यटक स्थल भी जल्द खुलेंगे. हालांकि मंदिर खुले हुए हैं, पर अजंता की गुफाएं जल्द ही खुलने की संभावना नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने पर्यटक स्थलों को खोलने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है.

स्थानीय लोगों पर रोजगार का संकट

परिणामस्वरूप अजंता की गुफाएं अभी भी बंद हैं. जिसके चलते स्थानीय निवासियों पर रोजगार का संकट गहराने लगा है. अधिकांश परिवारों को जीविका छोटे-मोटे सामग्री बेचने और गाइड करने पर चलती थी, किंतु 8 महीने से गुफाएं बंद होने के कारण गाइड करने वाले परिवारों और सामग्री बेचने वालों पर फाकाकशी की नौबत आ गई है.

अभी भी व्यवसायियों की आस कायम

लगभग 350 परिवारों का आर्थिक भविष्य अजंता की गुफाओं में पर्यटन व्यवसाय पर निर्भर करता है. इसलिए इन लोगों को धार्मिक स्थानों के साथ-साथ पर्यटक स्थानों को खोलने की उम्मीद थी. हालांकि, इस स्तर पर भी, अगर अजंता की गुफाएं नहीं खोली जाती हैं, तो कम से कम 1 दिसंबर को, गुफाएं खुली रहेंगी. ऐसी आस आज भी पर्यटन पर आधारित व्यवसायियों को है.

लाकडाउन के चलते सभी व्यवसाय प्रभावित हुए थे, हालांकि अनलाक के बाद धीरे-धीरे व्यवसाय पटरी पर लौट रहे हैं. लेकिन पर्यटन स्थल खोलने का निर्णय न होने से इस पर निर्भर व्यवसायियों की हालत खस्ता होती जा रही है. उनके सामने परिवार पालने की समस्या खड़ी हो गई है. जिससे बच्चों की परिवरिश में कठिनाइयां आ रही हैं. मंदिरों के खुलने की घोषणा के बाद से पर्यटन स्थलों के खोले जाने की आस जगी थी, लेकिन दूसरी कोरोना लहर के चलते सरकार खतरा उठाने को तैयार नहीं है. सरकार जब तक पर्यटन स्थलों को खोलने का आदेश नहीं देती, तब तक व्यवसायियों को आर्थिक मदद करनी चाहिए.

-पीतांबर कांबले, व्यवसायी